CBSE बोर्ड की 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय कमेटी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने के फॉर्मूले के बारे में बताया है। बोर्ड के मसौदे के मुताबिक, 10वीं, 11वीं के फाइनल रिजल्ट और 12वीं के प्री-बोर्ड के रिजल्ट को फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए बाद में अलग व्यवस्था की जाएगी। अगर सब कुछ सही रहा, तो 31 जुलाई तक रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे।
12वीं की मार्केशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए CBSE ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा। इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम या प्रैक्टिकल का नंबर लिया जाएगा। 10वीं और 11वीं के नंबर का 30% और 12वीं के नंबर के 40% के आधार पर नतीजे आएंगे।
इससे पहले 3 जून को सुप्रीम कोर्ट ने CBSE को रिजल्ट फॉर्मूला लाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। उसके बाद बोर्ड ने 4 जून को 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसे 14 जून को 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी थी।
28 जून तक नंबर अपलोड करने हैं
सूत्रों के मुताबिक CBSE से जुड़े स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने कमेटी को बताया है कि वे 10वीं, 11वीं और 12वीं के 2020-21 में लिए गए टेस्ट और एग्जाम के नंबर देने की स्थिति में हैं। मुंबई के स्कूलों में पिछले साल कोई भी ऑफलाइन टेस्ट और प्रैक्टिकल नहीं हो पाया है और कोई फिजिकल क्लास भी नहीं चली है। जो स्कूल प्रैक्टिकल नहीं ले पाए हैं, उन्हें ऑनलाइन प्रैक्टिकल और ओरल टेस्ट की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 12वीं के इंटरनल असेसमेंट के नंबर भी 28 जून तक CBSE के सिस्टम पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।
PM ने 1 जून को परीक्षा रद्द की थी
इससे पहले कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार ने 1 जून को देशभर में 12वीं बोर्ड के एग्जाम कैंसिल कर दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा के साथ कहा था कि 12वीं का रिजल्ट तय समय सीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्टूडेंट्स का असेसमेंट किस आधार पर होगा।