कोरोना ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। अब खतरनाक वायरस हजारों लोगों की जान ले रहा है। कई देशों में कोविड-19 की तीसरी लहर ने भी दस्तक दे दी है और कई देशों को कोरोना की तीसरी लहर का डर सता रहा है। इस बीच पूरी दुनिया में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 40 लाख के पार पहुंच गया है। दुनियाभर के देशों में लोगों बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है। लेकिन कोरोना वायरस अपने नए-नए रूपों से लोगों में खौफ पैदा कर रह है। फिलहाल डेल्टा प्लस वैरिएंट दुनिया में चिंता का सबब बना हुआ है।
दोगुना होने में लगे आधे दिन
रॉयटर्स के मुताबिक दुनिया पर में मौत का आंकड़ा 40 लाख के पार जा चुका है. कोरोना वायरस से हुई मौतों को 20 लाख तक पहुंचने में एक साल का समय लगा लेकिन मौत के आंकड़े को 40 लाख तक पहुंचने में केवल 166 दिनों का समय लगा।
भारत भी इनमें शामिल
दुनिया में पांच देश ऐसे हैं जहां कुल आकड़ों की 50 प्रतिशत मौते हुई हैं- अमेरिका, ब्राजीलस भारत, रूस और मेक्सिको. वहीं पेरू, हंगरी, बोस्निया चेक गणराज्य और जिब्राल्टर में मृत्यु दर सबसे अधिक है।
दूसरी लहर में सर्वाधिक नुकसान
बोलिविया, चिली और उरुग्वे के अस्पतालों में भारी मात्रा में 25 से 40 साल के बीच के कोरोना मरीजो को देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि पहली लहर के बाद दूसरी लहरों में युवा ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं। वहीं ब्राजील के साओ पाउलो में आईसीयू में रहने वालों में से 80 प्रतिशत मरीज कोरोना संक्रमित हैं।
ब्राजील और भारत ऐसे देश हैं जहां सात दिनों की औसत पर हर दिन सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की जा रही है। बढ़ती मौतों के कारण विकासशील देशों में लोगों का अंतिम संस्कार करने की ले लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। अभी दाह संस्कार और लाशों को दफनाने के लिए जगह की कमी का सामना करना पड़ रहा है।