बहादुरगढ़। हरियाणा में बहादुरगढ़ (Bahadurgarh) के किला मोहल्ले के निवासी विजय शर्मा के पोते कुनाल शर्मा को 26 मई को दिल्ली के एक अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। इतना ही नहीं बच्चे को मृत बताकर उसे पैक करके परिजनों को सौंप दिया था परंतु चमत्कार हुआ। घर जाकर वह बच्चा फिर से जिंदा हो गया। अब रोहतक के एक निजी अस्पताल से बच्चा वापस अपने घर पहुंच चुका है।
दरअसल, जब माता-पिता चारों तरफ से निराश होकर बहादुरगढ़ अपने घर पहुंचे तो मां जान्हवी और बच्चे की ताई अन्नू ने रोते हुए उसे बार-बार प्यार से हिलाकर पुकारा। माँ लगातार उसे जिंदा होने के लिए पुकार रही थी। कुछ देर बाद बच्चे की सांस चलने लगी।
दादी की जिद ने लौटाई जिंदगी
बच्चे के पिता कुणाल को लेकर अपने साले के घर पहुंचे और वहीं पर उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी चल रही थी लेकिन दादी ने जिद करते हुए कहा कि उसे अपने पोते की शक्ल देखनी है और उसे पैतृक घर पर लाया जाए। तब कुणाल के पापा उसे घर लेकर आये। दादी अगर कुणाल की शक्ल देखने की जिद ना करती तो कुणाल का अंतिम संस्कार हो चुका होता। कुछ देर बाद कुणाल के शरीर में कुछ हरकत दिखी तो परिजनों को उम्मीद जगी। इसके बाद पिता हितेश ने बच्चे का चेहरा चादर की पैकिंग से बाहर निकाला और अपने लाडले को मुंह से सांस देने लगे। कुछ देर बाद जब कुणाल के शरीर में कुछ हरकत दिखाई दी तो पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया। इसके बाद मोहल्ले के लोग बच्चे को 26 मई की रात को उसे रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे 15 फीसदी ही बचने की संभावना बताई पर वह धीरे-धीर ठीक हो गया और मंगलवार को अपने घर पर पहुंच चुका है।
बच्चे के दादा विजय शर्मा ने बताया कि पोते की मौत पर रात को नमक की बोरी और बर्फ की व्यवस्था कर दी थी. मोहल्ले वालों को सुबह श्मशान घाट पर पहुंचने को कह दिया था लेकिन चमत्कार हो गया. मां ने कहा कि भगवान ने उनके बेटे में फिर से सांसें डाली हैं. अब कुणाल स्वस्थ है. रोहतक अस्पताल से नानी के घर है. साथ में उसकी मम्मी है. वह बच्चों के साथ खेल रहा है और डांस कर रहा है।