रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल का यह दूसरा दौर जारी है, जिसके करीब दो साल पूरे हो चुके हैं। कोरोना संकटकाल की वजह से जहां कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया, तो केंद्रीय आयोगों में भी नियुक्तियां पूरी नहीं हो पाई है। अब शेष बचे तीन साल के कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट विस्तार को लेकर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है।
ऐसे में केंद्रीय सरकार में राज्यों की स्थितियों और प्रतिनिधियों की मांग भी शुरू हो चुकी है। साल 2022 में उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, उसके ठीक एक साल बाद साल 2023 में तीन प्रमुख राज्यों जिसमें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान शामिल है, में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इन तमाम राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए इन राज्यों के सांसदों को मोदी कैबिनेट में किस तरह से स्थान दिया जाएगा, ताकि राज्यों का प्रतिनिधित्व बढ़ सके, इस पर गहन विचारों का दौर जारी है।
छत्तीसगढ़ को लेकर चर्चा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह हो दिल्ली बुलाया गया है। छग से मोदी मंत्रिमंडल में बतौर राज्यमंत्री रेणुका सिंह मौजूद है, लेकिन बीते दो सालों में उनके कामों को लेकर मोदी सरकार को किसी तरह का लाभ नहीं मिल पाया है, लिहाजा माना जा रहा है कि उनकी जगह पर किसी एक्टिव जनप्रतिनिधि को मौका दिया जा सकता है। इसमें विजय बघेल, सुनील सोनी, सरोज पांडेय, संतोष पांडेय और गुहाराम अजगले का नाम शामिल है।