बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में सायबर ठगों ने बड़ा जाल बिछाकर रखा है। कभी क्रेडिट कार्ड बंद होने, तो कभी डेबिट कार्ड अपडेट करने तो कभी केवाईसी अपडेट करने का झांसा देकर। इससे भी काम नहीं चलता तो मोबाइल नंबर बंद होने की गलतफहमी में फांसकर लोगों के खातों से लाखों रुपए हड़प रहे हैं। ऐसे कई मामले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर सहित अन्य जिलों से लगातार आ रहे है। लिहाजा आरबीआई द्वारा जारी संदेश को बेहतर तरीके से पढ़े और जालसाजों से संभलकर रहें।
ताजा मामले में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में NTPC के अपर प्रबंधक से 5.85 लाख रुपए की ठगी हो गई। शातिर ठगों ने उन्हें KYC अपडेट करने के लिए मोबाइल पर मैसेज भेजा। इसके बाद एक ऐप डाउनलोड कर 10 रुपए ट्रांसफर करने को कहा। प्रोसेस पूरा करते ही उनके खाते से छह बार में रुपए निकल गए। इसके बाद उन्होंने अफसरों से संपर्क कर खाता ब्लॉक कराया। इसके दो माह बाद सीपत थाने में FIR दर्ज कराई गई है।
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जानकारी के मुताबिक उज्जवल नगर निवासी अमित कुमार प्रमाणिक NTPC सीपत में अपर महाप्रबंधक हैं। ऑफिस में रहने के दौरान उनके मोबाइल पर 22 अप्रैल को मैसेज आया और उनके KYC एक्सपायर होने की जानकारी दी गई। साथ ही कहा गया कि अपटेड नहीं करने पर मोबाइल सिम जल्द बंद हो जाएगा। इसके लिए मैसेज में दिए गए नंबर पर संपर्क करने को भी कहा गया। इस पर अमित कुमार ने दिए गए नंबर पर कॉल किया।
क्विक सपोर्ट ऐप डाउन लोड कर 10 रुपए ट्रांसफर के लिए कहा
शातिर ठगों ने AGM से मोबाइल पर क्विक सपोर्ट ऐप डाउन लोड करने को कहा। ऐप डाउन लोड करने के बाद उसी नंबर पर ऑनलाइन 10 रुपए ट्रांसफर कराए। ऐसा करते ही उनके खाते से 6 बार में 85000, 100000, 99999, 100000, 100000 और 100000 रुपए कुल 5 लाख 84 हजार 999 रुपए निकल गए। इसके बाद उन्होंने बैंक से संपर्क कर खाता ब्लाक कराया। साथ ही उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।
दो माह बाद की थाने में दर्ज कराई शिकायत
अपर महाप्रबंधक प्रमाणिक ने खाते से रकम निकलने की FIR करीब दो माह बाद रविवार दोपहर थाने में दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल में शिकायत के बाद वह अपने SBI ब्रांच से खाते के जरूरी दस्तावेज और जानकारी जुटा रहे थे। बताया कि उन्होंने अपनी OTP और बैंक आईडी या फिर ट्रांजैक्शन को लेकर कोई जानकारी भी किसी से शेयर नहीं की थी। इसके बावजूद खाते से रुपए ट्रांसफर हो गए।