नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों की वजह से महंगाई दर को नियंत्रित कर पाना संभव नहीं है। वहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम कर पाना देश की सरकार के हाथ में नहीं है, क्योंकि यह ग्लोबल मार्केट का हिस्सा है। ऐसे में पीएम मोदी सरकार ने विकल्प का रास्ता तलाश लिया है, जिसे देश में ही रेगूलेट किया जा सकता है और ईंधन की कीमत 60 रुपए प्रति लीटर तक गिर सकती है। देश के हालात को देखते हुए पीएम मोदी और उनकी सरकार इस योजना पर काम कर रही है, जिस पर फैसला सप्ताहभर के भीतर आने की पूरी संभावना है।
मालूम होगा कि पेट्रोल और डीजल दोनों ही ग्लोबल मार्केट से रेगुलेट होते हैं। इसलिए सरकार इनके दाम कम नहीं कर सकती है। लेकिन सरकार एक काम जरूर कर सकती है। जिसके बाद पेट्रोल की कीमतें जरूर सस्ता हो सकता है। दरअसल मोदी सरकार अगले 8-10 दिनों में फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर बड़ा फैसला लेने जा रही है।
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फ्लेक्स फ्यूल यानी लचीला ईंधन, यानी ऐसा ईंधन जो पेट्रोल की जगह ले और वो है एथनॉल। सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि इस वैकल्पिक ईंधन की कीमत 60-62 रुपए प्रति लीटर होगी, जबकि पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर से भी ज्यादा है। इसलिए एथनॉल के इस्तेमाल से देश के लोग प्रति लीटर 30-35 रुपए की बचत कर पाएंगे।
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एक इवेंट में नितिन गडकरी ने कहा कि “मैं परिवहन मंत्री हूं, मैं इंडस्ट्री को एक आदेश जारी करने जा रहा हूं कि केवल पेट्रोल इंजन नहीं होंगे, फ्लेक्स-फ्यूल इंजन भी होंगे, जहां लोगों के लिए विकल्प होगा कि वे 100 परसेंट कच्चे तेल का उपयोग करें या फिर 100 परसेंट एथनॉल का इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि मैं अगले 8-10 दिन में फैसला लेने जा रहे हैं, हम फ्लेक्स फ्यूल इंजन को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए अनिवार्य बनाने जा रहे हैं।