सागर। जिले में योगाचार्य विष्णु आर्य योग का पर्याय बने हैं। 90 साल की उम्र में भी श्री आर्य योग करने की वजह से फिट हैं। वे अपना कार्य स्वयं करते हैं। अभी तक श्री आर्य का कोई दांत गिरा है न ही उन्हें चश्मा लगा है। बड़ी हैरत की बात है कि 90 वर्ष की उम्र में श्री आर्य के बाल भी काले होने लगे हैं। श्री आर्य सागर नगर के लोगों को पचास साल से योग निश्शुल्क सिखा रहे हैं। कई लोगों ने उनके यहां योग करके असाध्य रोगों से मुक्ति पाई है। श्री आर्य देश के सभी राज्यों में योग का प्रशिक्षण दे चुके हैं। उन्हें इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सम्मानित भी किया है। वे असम को छोड़कर सभी राज्यों में योग का प्रशिक्षण दे चुके हैं।
योग को व्यवसाय नहीं साधने मानते हैं आर्य
श्री आर्य का कहना है कि योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक साधना है। योग करने वाले को यम, नियम का पालन करना पड़ता है। तभी योग सार्थक होता है। श्री आर्य का कहना है कि वे बचपन से ही योग करते आ रहे हैं। जब छोटा था तब बिहार के मुंगेर से सत्यानंद सरस्वती सागर आकर योग के प्रति लोगों को जागरूक करते थे। शहर में जगह-जगह अखाड़े बने थे वहां योग व व्यायाम कराया जाता था। 1953 में सागर में देवास से बल्लेदावाचार्य आए थे। उनकी प्रेरणा से उन्होंने योग का नियमित अभ्यास किया। इसके बाद अपने अन्य साथियों के साथ योग करता रहा। इस बीच मैंने संगीत में प्रभाकर, आयुर्वेदरत्न व संस्कृत, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान की शिक्षा ग्रहण की।
1968 में शुरू किया योग निकेतन
योगाचार्य विष्णु आर्य ने 1968 में स्वामी सत्यानंद के मार्गदर्शन में सागर में योग निकेतन की स्थापना की। यहां सुबह सात बजे से प्रतिदिन निश्शुल्क योग सिखाते हैं। योग निकेतन से अभी तक 10 हजार लोग योग सीख चुके हैं। योग के माध्यम से कई लोग हदय रोग, सरवाइकल, साइटिका, स्लिप डिस्क, मोटापा व थाइराइड रोग से मुक्ति पा चुके हैं। मछरयाई क्षेत्र निवासी जितेंद्र रोहण का कहना है कि वे साइटिका से परेशान थे। कई जगह उपचार कराया। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन की सलाह दी थी लेकिन यहां तीन महीने के योग से पूरी तरह स्वस्थ हैं।
12 साल पहले लिया संन्यास
योगाचार्य विष्णु आर्य ने 12 साल पहले संन्यास लिया है। अब वे स्वामी ध्यानेश्वर सरस्वती के नाम से पहचाने जाते हैं। वे संन्यासी की तरह जीवन बिताते हैं। योग उनके जीवन में शामिल है। सुबह पांच बजे उठकर नित्य क्रिया के पश्चात हवन करते हैं। इसके बाद सात बजे से उनकी योग कक्षा शुरू हो जाती है।