योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर
गरियाबंद कलेक्टर निलेश क्षीर सागर ने अपनी पत्नी के साथ अपने निवास पर योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास किया। उन्होंने कहा कि योग का अर्थ शरीर और चेतना को एक साथ मिलाना है। इस वक्त लोग वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति को मजबूत करने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना चाहिए। तन और मन दोनो स्वस्थ्य होने से हम किसी भी विपरीत परिस्थति का कर सकते हैं सामना ,उन्होंने जिले के सभी अधिकारी कर्मचारी और आम नागरिकों से भी घरों में योग करने की अपील की है।
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने पुलिस ग्राउंड किया योग
पुलिस अधीक्षक ने योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने ज़िलेवासीयो से योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि योग न केवल व्यक्ति को स्वास्थ्य व निरोगी बनाता है बल्कि उसे अनुशासित भी करता है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कहा कि नियमित योग से तन ही नहीं, मन को भी स्वस्थ रखा जा सकता है। योग भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत है। इसके माध्यम से हम स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए बीमारियों से बच सकते हैं।
युवाओं ने कलेक्ट्रट परिसर में किया सूर्य नमस्कार
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शहर के कलेक्टरट परिसर पुलिस ग्राउंड और अन्य जगहाओ पर योग दिवस पर युवाओं ने सोशल डिस्टेंस
का पालन करते हुए योग किया। इस दौरान युवाओं ने सूर्य नमस्कार के आसन योग किया और उनके लाभ को जाना।