दंतेवाड़ा। सालों तक सुरक्षाबल को छकाने और अपने पीछे भगाने वाले हार्डकोर नक्सली लीडर हरिभूषण की जिंदगी कोरोना के कहर ने हर ली है। इस बात की पुष्टि दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने की है। इससे पहले कट्टी मोहन राव की मौत भी कोरोना से हुई थी। वहीं नक्सलियों पर फूड प्वॉइजनिंग का कहर भी लगातार देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि हरि भूषण पर 40 लाख रुपए का इनाम भी घोषित था।
पामेड़ इलाके में था सक्रिय
नक्सली हरिभूषण उर्फ यापा नारायण तेलंगाना के महबूबाबाद जिले के कोट्टागुडा क्षेत्र के मारिगुडा गांव का रहने वाला था। 1995 में पीपुल्स वार गुरिल्ला में शामिल हुआ था। इसके बाद से पिछले कई सालों से बस्तर के बीजापुर जिले के पामेड़ इलाके में सक्रिय था। इस पर वर्तमान में तेलंगाना स्टेट कमेटी के सचिव पद की जिम्मेदारी थी।
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बताया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण बस्तर में जितनी भी नक्सली घटनाएं हुई हैं, हरिभूषण उसका मास्टर माइंड था। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य की सीमा पर हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में भी कई बार हरिभूषण पुलिस की गोलियों से बचा था। पिछले कई दिनों से हरिभूषण कोरोना के साथ-साथ फूड प्वॉइजनिंग से भी जूझ रहा था। पामेड़ इलाके में सोमवार की शाम इसकी मौत हो गई है। दंतेवाड़ा के SP डॉ. अभिषेक पल्लव ने इसकी पुष्टि भी की है।
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ये माओवादी लीडर भी हैं बीमार
नक्सलियों के बटालियन नम्बर 2 का कमांडर सोनू, बटालियन मेम्बर जयमन, नंदू, देवा भी बीमार हैं। क्टब्ड मेम्बर राजेश और विनोद भी पिछले कई दिनों से कोरोना व फूड प्वॉइजनिंग से जूझ रहे हैं। इन सभी पर लाखों रुपए का इनाम घोषित है। दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक ने सभी से अपील की है कि वे माओवाद संगठन छोड़कर पुलिस के समक्ष आकर आत्मसमर्पण कर दें। सरकार की हर योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।