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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बिलासपुर में आयोजित तीन दिवसीय ऑन लाईन योग शिविर का वर्चुअल शुभारंभ किया। शिविर का आयोजन ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस द्वारा बिलासपुर में किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने ‘आरोग्य छत्तीसगढ़‘ पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक की लेखिका योग गुरु मंजू झा हैं।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने स्वस्थ रहने के लिए योग का महत्व बहुत पहले ही समझ लिया था। स्वस्थ रहने के लिए नियमित योग अभ्यास आवश्यक है। योग तन को मन से, मन को आत्मा और आत्मा को परमात्मा से जोड़ने की पद्धति है। उन्होंने कहा कि योग का अभ्यास किसी योग्य गुरु से सीख कर और जरूरी सावधानियों को ध्यान में रखकर करना चाहिए, तभी हमें इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ-साथ हमें अपनी दिनचर्या भी नियमित करना होगा। योग हमारी क्षमता में वृद्धि करता है।संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हिंदुस्तान के योग का महत्व आज विश्व पटल पर प्रतिपादित हुआ है। उन्होंने कहा कि योग के वर्चुअल शिविर से हमें वर्ष के 365 दिन अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने का प्रोत्साहन मिलेगा। विधायक शैलेश पांडे ने कहां की योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा की अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ऑनलाइन योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है, इससे लोगों को योग को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।अखिल भारतीय प्रोफेशनल कांग्रेस की क्षेत्रीय प्रभारी जरिता लैतफलांग ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। आभार प्रदर्शन ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर ने किया। मीडिया प्रभारी दीप सारस्वत ने कहा योग मनुष्य को योग्य बनता है शारीरिक रूप एवं मानसिक रूप से इस अवसर पर संसदीय सचिव रश्मि सिंह, बिलासपुर महापौर रामचरण यादव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ,मुकेश चंद्राकर ,दीप सारस्वत सहित अनेक जनप्रतिनिधि कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़े।
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बिलासपुर में आयोजित तीन दिवसीय ऑन लाईन योग शिविर का वर्चुअल शुभारंभ किया। शिविर का आयोजन ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस द्वारा बिलासपुर में किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने ‘आरोग्य छत्तीसगढ़‘ पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक की लेखिका योग गुरु मंजू झा हैं।