रायपुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में वैक्सीनेशन के लिए पहुंची टीम के साथ ग्रामीणों ने मारपीट की। ग्रामीणों ने ना केवल वैक्सीन लगाने से इंकार कर दिया, बल्कि वैक्सीन लगाने दोबारा आने पर और बुरा हाल करने तक की चेतावनी दी है। भले ही इस मामले में 7 ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, पर इससे ग्रामीणों को वैक्सीनेट होने के लिए तैयार नहीं किया जा सकता।
सीएम बघेल ने भी लगवाया टीका
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं। निश्चित तौर पर उन्हें भी हरारत का सामना करना पड़ा होगा। प्रदेश के लोगों के समक्ष इस बात को रखना आवश्यक है। वे अपने मुख्यमंत्री के टीकाकरण को लेकर विश्वास कर सकते हैं। सीएम बघेल के टीकाकरण को आदर्श के तौर पर रखा जा सकता है, जिससे लक्ष्य प्राप्ति में सहयोग मिल सकता है।
बुखार आने से घबरा रहे ग्रामीण
इस पूरे मामले में ग्राउंड रिपोर्ट लेने पर जानकारी सामने आई है कि ग्रामीणों को इस बात का खौफ सता रहा है कि वैक्सीन लगाने से बुखार आ जाता है। वहीं कोरोना के बुखार से मौत हो जाती है। अब यहां पर जो बात समझ आई कि बुखार से मौत होने की वजह से ग्रामीण ज्यादा डरे और सहमे हुए हैं। ऐसे में पहले ग्रामीणों को विश्वास में लेना होगा कि वैक्सीन लगाने के बाद बुखार से मौत नहीं होती है।
बुखार आना भी जरुरी है
ग्रामीणों को यह बताना जरुरी है कि वैक्सीन लगने के बाद बुखार आना जरूरी है। शहर के लोगों को यह बात आसानी से समझाई जा सकती है कि वायरस को मारने के लिए वैक्सीन में भी वायरस को शामिल किया गया है, ताकि खुद से शरीर के भीतर प्रवेश किया हुआ वायरस को मारा जा सके। लेकिन ग्रामीणों को वैज्ञानिक पद्धति से नहीं समझाया जा सकता।