चिटफंड कंपनी के जरिए लोगों को पहले रुपए दोगुना करने का झांसा दिया था. अब ठगों ने नया तरीका अपना लिया है. स्वरोगार दिलाने के बाद वारदात को अंजाम दे रहे हैं. एक ऐसा ही मामला गरियाबंद जिले से सामने आया है. जिले के फिंगेश्वर, गरियाबंद और छुरा ब्लॉक के ग्रामीण महिलाएं ठगी का शिकार हुई है. आरोपियों ने पहले स्व सहायता समूह के जरिए रोजगार देने का झांसा दिया. इसके लिए पहले कमीशन देकर एजेंट तैयार किया. इसके बाद समूह के जरिए महिलाओं को जोड़ा गया, और उनस लाखों रुपए ऐंठ लिया. महिलाओं को जब काम देने की बारी आई तो ठग बोरिया बिस्तर समेट कर फरार हो गए. अब ठगी का शिकार होने के बाद महिलाओं ने पुलिस में शिकायत की है.
महिलाओ को लिया झांसे में
पीड़ित चम्पा साहू, भामा साहू, हेमबाई नेताम, शोभा ध्रुव, ओमप्रकाश यादव, मीना ने बताया कि उत्तर प्रदेश निवासी गायत्री साहू और राजिम एक्सीस बैंक में काम करने वाले आशुतोष श्रीवास ने अपने सरगम सहेली संस्था के बारे में बताया. फिर कहा कि नाबार्ड के माध्यम से महिलाओं को घर बैठे अगरबत्ती, रूई बत्ती, मेहंदी, बिंदी बनाने का काम देंगे और उसके बदले सम्मान जनक मेहताना देंगे. ये लुभावन बातें महिलाओं को बताया गया. इसके बाद कोरोना काल में बेरोजगार महिलाएं दोनों के साथ काम करने को तैयार हो गई.
समूह में 10-20 सदस्य बनाने का लक्ष्य
ग्रामीण महिलाओं को सरगम सहेली नाम से समूह बनाने एवं प्रत्येक समूह में 10-20 सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया. समूह के प्रत्येक सदस्य से 500 रुपए पंजीयन करने के नाम पर और बीमा के नाम से 500 रुपए प्रत्येक सदस्य से लेने के लिए बोला गया. प्रत्येक समूह से पीड़ित लोगों को 500 रुपए कमीशन समूह बनाने वाले को देने की बात की गई.
10 से 20 हजार रुपए जमा करवाया
इस तरह से एक महिला समूह से 10 से 20 हजार रुपए जमा करवाया गया. समूह का गठन गरियाबंद जिले का छुरा, राजिम, फिंगेश्वर ब्लाक के विभिन्न ग्रामों में पीड़ित महिलाओं ने अपने घर परिवार सहित अन्य महिलाओं को समूह में जोड़कर रखा और लगभग 100 महिला समूह का गठन किया गया, जिसका अनुमानित राशि 15 से 20 लाख रुपए है. गायत्री साहू एवं आशुतोष श्रीवास रुपए लेकर रसीद के रूप में दिया.
दस्तावेज लेकर फरार
महिलाओं ने बताया कि रुपए को गायत्री साहू एवं आशुतोष श्रीवास ने स्वयं आकर लिया और कुछ खाते में डलवाने के लिए बोला. शातिर गायत्री साहू ने सबूतों को मिटाने के लिए बकायदा जिस रजिस्टर पर समूह का नाम और अन्य जानकारी था. पीड़ित महिलाओं को झांसा देकर सब दस्तावेज लेकर फरार हो गई.
महिलाओं ने जब काम मांग किया तो उन्हें झांसा देते रहे की आज काम देंगे कल देंगे. समूह के महिलाओं द्वारा जब पीड़ित लोगों के घरों में आकर काम या रुपए वापस मांग किया गया. तब महिलाओं ने गायत्री साहू एवं आशुतोष श्रीवास से फोन पर संपर्क किया. संपर्क करने पर गायत्री साहू एवं आशुतोष श्रीवास ने महिलाओं को धमकी दी.
गायत्री साहू एवं आशुतोष श्रीवास ने रायपुर राजधानी में विधानसभा रोड पर सरगम सहेली संस्थान का कार्यलय होने का दावा किया था. जब इसका पता करने पीड़ित महिलाएं रायपुर पहुंची तो वहां कोई कार्यालय नहीं मिला. ठगी का एहसास होने के बाद महिलाएं शिकायत करने गरियाबंद जिला मुख्यालय पहुंची.
महिलाओं ने एएसपी सुखनंदन राठौर से मिलकर ठगी की शिकायत की है. सभी ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. एएसपी सुखनंदन राठौर ने मामले की जानकारी एसपी भोजराज पटेल को देने के बाद दोषियों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.