रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार 1 प्रतिशत पर आ चुकी है। हालांकि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला अभी भी जारी है, लेकिन संक्रमण में कमजोर पड़ी रफ्तार प्रदेश के लोगों की सेहत के लिए अच्छा संकेत माना जा सकता। दो राय नहीं कि देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरियंट ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है और ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है, पर यदि वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाई जाती है, तो यह कारगर साबित हो सकता है।
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कोरोना संकट काल के दो दौर से देश के साथ छत्तीसगढ़ भी गुजर चुका है। कोरोना की वजह से बीते डेढ़ साल से स्कूलों में ताले लगे हुए हैं। बच्चों की पढ़ाई जहां बर्बाद हो रही है, तो घरों में कैद होने की वजह से बच्चों में चिडचिड़ाट भी घर करने लगी है। ऐसे में स्कूल खुलने का भी इंतजार हो रहा है, पर परिस्थितियां इसकी इजाजत नहीं दे रही हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में स्कूलों को खोले जाने के सवाल पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि कोरोना संक्रमण का दर प्रदेश में निचले स्तर पर आ चुका है, पर फिलहाल स्कूलों को बच्चों के लिए खोले जाने पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पूरी तरह कोरोना से मुक्त हो जाए, उसके बाद ही इस पर विचार किया जाएगा।
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https://youtu.be/m-HRSzbJNYo