रायपुर। देश के अन्य राज्यों की तुलना में वैक्सीनेशन को लेकर छत्तीसगढ़ काफी पीछे चल रहा है। जबकि शासन स्तर पर कोई भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है। प्रदेश की भूपेश सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश में करीब ढ़ाई हजार टीकाकरण केंद्रों को खोल दिया है, ताकि जल्द से जल्द प्रदेश की जनता कोरोना का वैक्सीन ले सके, लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से प्रदेश पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है। आलम यह है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी में भी कुछ इसी तरह के हालात हैं।
इसी विषय को लेकर मंगलवार को महापौर एजाज ढे़बर ने सर्वदलीय बैठक आहूत कर टीकाकरण महाभियान की रूपरेखा तैयार की है, इसकी जिम्मेदारी वार्ड पार्षदों को दी गई है, ताकि प्रत्येक वार्ड में तेज गति के साथ टीकाकरण हो सके। इस दौरान उन्होंने विदेशों में अपनाई गई तकनीक का उल्लेख करते हुए कहा था कि वहां पर किस तरह से सख्ती की गई, जिससे लोगों ने टीकाकरण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
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उनके इस उदाहरण का प्रचार इस तरह से हो गया कि वैक्सीनेशन नहीं तो, राशन नहीं। इस पर महापौर ढ़ेबर ने मामले को स्पष्ट किया है कि उनका कहने का तात्पर्य यह कतई नहीं था, बल्कि उन्होंने जागरूकता का उदाहरण देते हुए इस बात को कहा था। महापौर एजाज ढे़बर ने आगे कहा कि राजधानी ही नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता को इस बात के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है कि कोरोना महामारी को प्रदेश से भगाना है, कोरोना के खिलाफ जंग जीतना है, तो टीकाकरण को अपनाना होगा।