मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य को कोटे के अनुरूप यूरिया और डीएपी की आपूर्ति न होने तथा जमाखोरी की रोकथाम हेतु तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रासायनिक खाद की आपूर्तिकर्ता कंपनियों को राज्य को आवंटित मात्रा के अनुरूप यूरिया और डीएपी खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को होलसेलर और रिटेलर के स्टॉक को चेक कर जमाखोरी करने वालों को ब्लैक लिस्टेड करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सभी होलसेलर के पास मौजूद यूरिया और डीएपी खाद को तत्काल रिटेलरों को ट्रांसफर कराने के भी निर्देश दिए गए हैं ।
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मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में कल 23 जून को रायपुर में सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक और अपर संचालक कृषि ने उर्वरक प्रदायक कंपनियों, होलसेलर और रिटेलर की संयुक्त बैठक ली। उन्होंने अप्रैल से जून माह तक के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को आबंटित कोटे के अनुरूप यूरिया, डीएपी की शेष मात्रा की आपूर्ति हर हाल में 30 जून तक सुनिश्चित करने के निर्देश आपूर्तिकर्ता कंपनियों को दिए।
आपूर्ति 30 जून के पूर्व अनिवार्य
बैठक में जानकारी दी गई कि अप्रैल से जून तक यूरिया का कुल आबंटन 2,72,503 मैट्रिक टन है। कुल व्यादेश मात्रा 3,11,203 मे.टन के विरुद्ध आज तक 94,024 मे.टन आपूर्ति हुई है, जो कुल आबंटित मात्रा का 34.50 प्रतिशत है। इसी प्रकार डीएपी का कुल आबंटन 1,62,027 मे.टन है। कुल व्यादेश मात्रा 2,10,354 मे.टन के विरूद्ध आज तक 70,079 मे.टन आपूर्ति हुई है, जो कुल आबंटित मात्रा का 43.25 प्रतिशत है।
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बैठक में यह भी जानकारी दी गयी कि जून माह के लिये यूरिया उर्वरक की आबंटित मात्रा 1,31,450 मे.टन है, जिसके विरूद्ध प्रदायकों द्वारा 37,420 मे टन आपूर्ति की गई है। डीएपी की आबंटित मात्रा 80,000 मे.टन के विरूद्ध प्रदायकों द्वारा 23,268 मे.टन आपूर्ति की गई है। आपूर्तिकर्ता कंपनियों को शेष मात्रा की आपूर्ति 30 जून के पूर्व अनिवार्य रूप से कराये जाने के निर्देश दिये गये।
स्कंध एव माड्यूल में प्रदर्शित स्कन्ध एक समान हो
बैठक में बताया गया कि एमएफएमएस माड्यूल में वर्तमान में पॉस दर्शित स्कंध एवं वास्तविक स्कंध में अंतर होने के कारण प्रदेश का उर्वरक आबटन प्रभावित हो रहा है। यूरिया एवं डीएपी की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। अतः उर्वरक स्कंध का भौतिक सत्यापन कराये जाने एवं विकय किये जा चुके स्कंध की होलसेलर एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स को माडयूल में तत्काल एन्ट्री के निर्देश दिए गए, जिससे वास्तविक रूप से उपलब्ध स्कंध एव माड्यूल में प्रदर्शित स्कन्ध एक समान हो।
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अपर संचालक कृषि ने समस्त होलसेलर एवं रिटेलर को स्पष्ट रूप से चेताया कि यदि उनके द्वारा निर्देशों के परिपालन में लापरवाही का मामला पकड़ में आया तो संबंधित रिटेलर, होलसेलर को प्रतिबंधित कर काली सूची में दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी। प्रबंध संचालक विपणन संघ द्वारा निर्देश दिये गये कि समितियों के माध्यम से जो उर्वरक विकय किया जा रहा है, उसके लिये उप पंजीयक से समन्वय स्थापित कर समितियों द्वारा तत्काल पॉस में एन्ट्री कराया जाना सुनिश्चित करें।