दक्षिण-पूर्वी चेक गणराज्य में तूफान के कारण तबाही का मंजर है। इसके कारण यहां तीन लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों घायल हैं। गुरुवार रात को उठा तूफान इतना अधिक खतरनाक था कि यहां के सात शहरों व कई गावों तक बुरा हाल है। तूफान में हवा की स्पीड 332 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने की आशंका जताई गई है। यह इस मध्य यूरोपीय देश का अब तक का सबसे खतरनाक तूफान बताया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, कई इमारत मलबे में तब्दील हो गई। तेज हवा के चलते कारें पलट गई। एक लाख 20 हजार से अधिक घरों की बिजली चली गई।
प्रभावित इलाकों में सेना के साथ 360 अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है। देश के विभिन्न हिस्सों से बचावकर्मी भी पहुंच रहे हैं। पड़ोसी देशों ऑस्ट्रिया और स्लोवाकिया से भी मदद पहुंच रही है। मलबे में दबे लोगों की तलाश में ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री एंद्रेज बाबिस ने इस घटना को आपदा करार दिया है। वह घटना के समय यूरोपीय यूनियन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्रसेल्स में थे।