बिलासपुर से कटघोरा के बीच फोरलेन सड़क निर्माण में लगी दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के चैतमा स्थित बेस कैंप में बड़ा हादसा सामने आया है. यहां बेस कैम्प के भीतर कम्पनी में नियोजित ट्रेलर से दबकर दो ठेका मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई है. मरने वाले दोनों मजदूरो का घर केम्प से महज 100 मीटर की दूरी पर है बावजूद उन्हें घटना की सूचना दिए बिना गुपचुप तरीके से दोनों शवो को पाली के अस्पताल भेज दिया गया.
बताया जा रहा है कि घटना के बाद एक मजदूर की सांसे चल रही थी. आरोप है कि इलाज के अभाव में दूसरे मजदूर ने भी दम तोड़ दिया. मृतकों में एक रवि सिंह व दूसरा प्रकाश सिंह राजपूत है. हादसे से गुस्साए स्थानीय ग्रामीणों ने सुबह केम्प पर धावा बोल दिया. उन्होंने केम्प के कई शेल्टर और दूसरे वाहनों के शीशे फोड़ दिए जबकि दुर्घटनाकारित ट्रेलर को आग के हवाले कर दिया.
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फिलहाल कम्पनी प्रबन्धन के सभी अफसर केम्प छोड़कर फरार हो चुके है जबकि सुरक्षा के मद्देनजर बेस केम्प के आगे बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. मृतकों के परिजनों ने बताया है कि दुर्घटना के 20 घंटे बाद भी कम्पनी की तरफ से उन्हें ना ही फोन किया गया है और ना ही अधिकृत सूचना दी गई है. उन्हें यह भी नही बताया गया है उनके दो लोगो की मौत हो चुकी है. कंपनी का यह दावा की ट्रेलर से दबकर उनकी मौते हुई है यह भी संदेहास्पद है.
इस बारे में पाली पुलिस कप्तान लीलाधर राठौर ने बताया कि आज तड़के 3:00 बजे उन्हें सूचना मिली कि दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड के कैम्प में कार्यरत ठेका मजदूर रवि सिंह व प्रकाश सिंह ट्रेलर में दबकर बुरी तरह जख्मी हो गए है. दोनों नाइट शिफ्ट के कर्मी थे जो कम्पनी के गिट्टी प्लांट में कार्यरत थे. देर रात जब वे अपने काम मे जुटे थे तभी दोनों मजदूर थककर पास ही गिट्टी के ढेर में सो गए.
इसी दौरान एक ट्रेलर के चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन पीछे करते हुए उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी चालक मौके से भाग निकला. इसकी सूचना साथी कर्मियों ने प्रबन्धन को दी जिसके बाद संजीवनी 108 एम्बुलेंस की मदद से दोनों को घायलावस्था में पाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया. डॉक्टर्स ने परीक्षण के उपरांत दोनों को मृत घोषित कर दिया।