ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। कोरोना की दूसरी लहर ने जहां कई लोगों की जिंदगी छीन ली वहीं कई लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। जमशेदपुर की तुलसी कुमारी भी उन्हीं में से एक है। तुलसी का गरीबी से संघर्ष और पढ़ाई के प्रति जुनून देखकर हर कोई हैरान है। दरअसल सात वर्षीय तुलसी को एक एंड्रॉइड मोबाइल चाहिए था जिसके माध्यम से वह ऑनलाइन क्लास से जुड़ पाती। इसके लिए उसने लॉकडाउन के दौरान आम बेचना शुरू कर दिया। इस मोबाइल के लिए उसे 10 हजार से अधिक रुपये की जरूरत थी जो कि जल्दी से मिलना मुश्किल था। लेकिन अब उसकी पढ़ाई की यह इच्छा पूरी हो गई है। दरअसल वैल्यूएबल एडुटेनमेनर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अमेया हेटे और उनके पिता को उसकी पढ़ाई के प्रति जुनून पसंद आई और उन्होंने 10 आम 1.2 लाख में खरीद लिए।
अमेया हेटे ने एक आम 10 हजार में खरीदे
तुलसी के लिए फरिश्ता बनकर आए अमेया हेटे और उनके पिता नरेंद्र हेटे ने मासूम से 10 हजार रुपए का एक आम खरीद लिया। उन्होंने लड़की से 12 आम खरीदे। बदले में उन्हें 1.20 लाख रुपये दिए गए। इतना ही नहीं तुलसी को एक मोबाइल फोन और दो साल का इंटरनेट भी मुफ्त मिला। ताकि वह अपनी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें और उन्हें किसी तरह की दिक्कत न हो। नरेंद्र हेटे और उनके बेटे अमेया हेटे तुलसी की मदद करके बहुत खुश हैं।
तुलसी के पिता ने कहा कि नरेंद्र और अमय भगवान के रूप में आए
अमेया हेटे और नरेंद्र हेटे द्वारा बेटी तुलसी की मदद करने से उसके पिता बेहद खुश हैं। तुलसी के पिता श्रीमल कुमार का कहना है कि इस बुरे समय में नरेंद्र उनके लिए भगवान के रूप में आए और अब उनकी बेटी आगे की पढ़ाई कर सकेगी। इस मौके पर तुलसी की मां पद्मिनी देवी ने नरेंद्र हेटे का शुक्रिया अदा किया। वहीं अब इससे तुलसी बेहद खुश है। उसका कहना है कि अब उन्हें आम नहीं बेचने पड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके आम इतने मीठे होंगे कि उन्हें नहीं पता था कि उनकी जिंदगी बदल जाएगी।