नई दिल्ली। एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट (Delhi Court) ने फैसला सुनाया है कि ये पिता दायित्व है कि वो अपनी पत्नी के साथ-साथ बच्चे के गुजारा भत्ते (Alimony) का भी भुगतान करे. बच्चे को गुजारा भत्ता (Child Alimony) देने के मामले में कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि प्रतिवादी पिता अपने गोद लिए बच्चे को भी गुजारा भत्त देना होगा. वहीं प्रतिवादी पिता ने दलील दी कि ये बच्चे पत्नी की इच्छा से गोद लिया गया था. इसलिए वो गुजारा भत्ता HIGHCOURT हीं देगा।
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) ने मामले में प्रतिवादी पिता की याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में पति ने कहा था कि बच्चे को पत्नी ने गोद लिया था. इसलिए अब उसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी पत्नी को ही निभानी चाहिए. इस पर अदालत ने कहा कि पत्नी ने कोर्ट में गोदनामा पेश किया है और इसमें दोनों पति-पत्नी के साइन हैं।
गोद लेने में दोनों की सहमति
कोर्ट ने आगे कहा कि इससे साफ होता है कि बच्चे को गोद लेने में दोनों की सहमति थी. जब दोनों की सहमति से बच्चे को गोद लिया गया है तो उसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी दोनों की ही बनती है. पत्नी एक गृहणी है, उसकी कोई आय नहीं है. पत्नी का गुजारा भत्ता भी प्रतिवादी अदा कर रहा है. ऐसे में बच्चे का खर्च भी पिता ही उठाएगा।
दस हजार रुपए महीने भुगतान करेगा पिता
कोर्ट ने कहा कि पति बच्चे के खर्च के लिए हर महीने दस हजार रुपए भुगतान करे. मामले में दोनों पति-पत्नी पिछले तीन साल से अलग रह रहे हैं. चार साल पहले दोनों ने छह महीने के बच्चे को गोद लिया था. इस दौरान दोनों के आपसी संबंध खराब हो गए और दोनों अलग रहने लगे. पत्नी ने बच्चे के साथ अलग रहने का फैसला लिया।
इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा. कोर्ट ने मामले में पत्नी और बच्चे का गुजारा भत्ता तय कर दिया. इस पर पति ने बच्चे का गुजारा भत्ता देने के खिलाफ अर्जी दायर की थी. अब कोर्ट ने बच्चे और पत्नी दोनों को गुजारा भत्ता देने के निर्देश दिए हैं।