रायपुर। प्रदेश के आदिवासी मंत्री अमरजीत भगत को एक सवाल सही तरह से सुनाई नहीं दिया, जिसे लेकर प्रदेश में विपक्ष ने राजनीतिक अभियान छेड़ दिया है, जबकि वास्तविकता यह है कि जब मंत्री भगत से सवाल हुआ, उस समय उनके साथ बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे और शोर-शराबा हो रहा था। जिसके चलते मंत्री भगत ने यह कहा कि उन्हें सवाल सुनाई नहीं पड़ा, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातों का जुमला बनाकर वायरल कर दिया गया।
कांग्रेस के खिलाफ यह एक मौका था
छत्तीसगढ़ में विपक्षी दल भाजपा के पास सत्तापक्ष कांग्रेस के खिलाफ यह एक मौका था, जिसे शुक्रवार से भुनाने की कोशिश हो रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने भी मौका हाथ से नहीं जाने दिया और तंज कस दिया। छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के दिए बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सब याद रखेगा, कांग्रेस को चुनाव से पहले से सब सुनाई देता था और सब दिखाई देता था। अब न सुनाई देता है, न ही दिखाई देता है। इसलिए जनता कह रही है – वक्त है पछतावे का।
छत्तीसगढ़ सब याद रखेगा!
कांग्रेस को चुनाव से पहले से सब सुनाई देता था और सब दिखाई देता था। अब न सुनाई देता है, न ही दिखाई देता है।
इसलिए जनता कह रही है – वक्त है पछताव का! pic.twitter.com/2LeJl7RAnf
— Dr Raman Singh (@drramansingh) June 26, 2021
दरअसल पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने नारा दिया था वक्त है बदलाव का। ये पूरा सियासी बवाल मंत्री अमरजीत के दिए बयान से जुड़ा है। शुक्रवार को इनके राजनांदगांव दौरे के वक्त जब पत्रकारों ने पूछा कि शराबबंदी क्यों नहीं हो रही तो मंत्री भगत ने कह दिया था- मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया।
पहले अपने गिरेबान पर झांककर देख ले
अब इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी कदम पीछे नहीं किया, बल्कि विपक्ष को जोरदार तरीके से जवाब दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस मामले को लेकर विपक्षी दल भाजपा इतनी जोश में आ रही है, पहले अपने गिरेबान पर झांककर देख ले। कितने वायदों को कर उन्होंने प्रदेश की जनता को झूठला दिया।
https://youtu.be/C3oonfx71sQ
प्रवक्ता शुक्ला ने कहा कि भूपेश सरकार ने जिन वायदों को किया है, वह सब पूरे होते जा रहे हैं। रही बात मंत्री जी से किए गए सवाल की, तो यह संभव है कि उन्हें उस वक्त बात सुनाई नहीं आई होगी और यह मानवीय पहलु है, जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। ऐसा भाजपा शासनकाल में कई मंत्रियों के साथ भी हुआ होगा, जिसे वे भूलकर मौके का फायदा उठाना चाहते हैं।