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केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उत्पादन कार्यक्रम के संबंध में अधिसूचना जारी

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Last updated: 2021/06/28 at 8:29 PM
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केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उत्पादन कार्यक्रम के संबंध में अधिसूचना जारी
केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उत्पादन कार्यक्रम के संबंध में अधिसूचना जारी

रायपुर।  केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 16 जून 2021 को अधिसूचना जारी कर एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उत्पादन कार्यक्रम के प्रयोजन से एथेनॉल के उत्पादन के लिए आशयित चीनी विनिर्माण या आसवनी इकाइयों के विस्तार हेतु पूर्व में जारी नियमों को सरलीकृत किया है।

केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि ईआईए अधिसूचना अंतर्गत नई परियोजनाओं या मौजूदा परियोजनाओं के विस्तार अथवा आधुनिकीकरण केन्द्रीय सरकार से पूर्व पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात् केंद्रीय सरकार द्वारा सम्यक् रूप से गठित राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण द्वारा विहित प्रक्रिया के अनुसरण में ही किया जाएगा।

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अधिसूचना में उल्लेख है कि एथनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के प्रयोजन से एथनॉल के उत्पादन के लिए आशयित चीनी विनिर्माण या आसवनी इकाइयों के विस्तार के लिए अधिसूचना  तारीख 17 जनवरी, 2019 और अधिसूचना तारीख 17 फरवरी 2020 के द्वारा विशेष वितरण का उपबंध किया गया था।वर्ष 2025 तक पेट्रोल में एथनॉल के 20% मिश्रण के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सरकार की वचनबद्धता को ध्यान में रखते हुए इस वितरण को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया था जिसे 2 मार्च, 2021 को जारी अधिसूचना के द्वारा अधिसूचित किया गया था।

केंद्रीय सरकार ने यह देखा है कि चीनी विनिर्माण इकाइयां या आसवनियां सामान्यतया सक्षम प्राधिकारी से प्रमाणन के संबंध में  आसवनी में ईंधन के साथ समयबद रीति से मिश्रण करने के लिए एथनॉल काउत्पादन किया जा रहा है का प्रमाणपत्र प्राप्त करने की अपेक्षा का अनुपालन करने में असमर्थ रहती हैं जिसमें संपूर्ण प्रक्रिया अवरुद्ध हो जाती है। इस मामले पर विचार किया गया और यह विनिश्चित किया गया है कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणन की अपेक्षा को एक नोटरीकृत शपथ-पत्र के रूप में स्व-प्रमाणन से इस शर्त के अध्यधीन प्रतिस्थापित किया जाएगा कि बाद में यदि यह पाया जाता है कि इस वितरण के अनुसार प्रदान की गई पर्यावरणीय स्वीकृति के आधार पर उत्पादित एथनॉल का उपयोग पूर्ण रूप से एथनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के लिए नहीं किया जा रहा है तो पर्यावरणीय स्वीकृति रदृ हो जाएगी।

अधिसूचना में यह भी उल्लेखित है कि एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम, शून्य द्रव विमुक्ति वाली अनाज आधारित आसवनियों और सरकार के एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम के प्रयोजनों के लिए केवल एथनॉल का उत्पादन करने की व्यवस्था को और अधिक बढ़ावा देने और ऐसी आसवनियों से एथनॉल के उत्पादन में पम्परागत जीवाश्म-ईंधन की तुलना में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जनों में कमी, जल और वायु प्रदूषण में कमी, कृषीय अर्थव्यस्था को संभाव्य प्रोत्साहन और समतुल्य मात्रा में आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी सहित समस्त पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक फायदों को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय सरकार, परियोजनाओं की ऐसी श्रेणी  को पर्यावरणीय स्वीकृतियां (ईसी) प्रदान करने के संबंध में कतिपय शर्तों के अध्यधीन विशेष वितरण आवश्यक समझती है।परियोजना प्रस्तावक द्वारा एक शपथ-पत्र के रूप में स्व-प्रमाणन के अनुसार, पूर्ण रूप से केवल एथनॉल मिश्रित

पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के लिए ही उपयोग किए जाने हेतु विद्यमान इकाई के लिए पूर्व पर्यावरण स्वीकृति (ईसी) प्राप्त कर चुकी चीनी विनिर्माण इकाइयों या एथनॉल के उत्पादन के लिए आसवनियों के विस्तार का श्रेणी “ख2″परियोजनाओं के रूप में मूल्यांकन किया जाएगा।

परंतु यह कि बाद में यदि यह पाया जाता है कि इस संवितरण व्यवस्था के अनुसार प्रदान की गई पर्यावरण स्वीकृति के आधार पर उत्पादित एथनॉल का उपयोग पूर्ण रूप से ईबीपी कार्यक्रम के लिए नहीं किया जा रहा है या एथनॉल का उत्पादन नहीं किया जा रहा है या उक्त आसवनी उन अपेक्षाओं, जिनके आधार पर परियोजना का श्रेणी ख 2 परियोजना के रूप में मूल्यांकन किया गया है, को पूरा नहीं कर रही है तो पर्यावरण स्वीकृति को निरस्त माना जाएगा।

TAGGED: #Union Ministry of Environment, #ईबीपी, Forest and Climate Change, GRAND NEWS, INDIA
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