यह वास्तविकता है कि आज देश में हवस के अंधे दरिंदे दुधमुंही बच्चियों को भी अपना शिकार बनाने से नहीं चुकते। क्या नाबालिग, क्या युवतियां, तो क्या विवाहिता और क्या बुजुर्ग। देश में नारी जाति के साथ जिस तरह की दरिंदगी हो रही है, रूह कंपा देने वाली हैं। चंद वारदातें सामने आ जाती हैं, तो मशालें निकल पड़ती हैं, लेकिन हजारों अत्याचार किसी न किसी वजह से दबकर रह जाते हैं। ऐसी ही दरिंदगी की एक दास्तां बड़े पर्दे पर 12 जुलाई को प्रदर्शित होने वाली है।
मुंबई. कान्स फिल्म फेस्टिवल में बॉलीवुड के अलावा रीजनल फिल्म्स का भी बोलबाला हो रहा है। 12 जुलाई को होने वाले इस फिल्म फेस्टिवल में ‘धूम्ककुड़िया’ प्रदर्शित होने जा रही है। धूम्ककुड़िया 14 साल की आदिवासी लड़की की कहानी है, जिसका 100 से ज्यादा बार रेप हुआ था।
फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित
फिल्म के डायरेक्टर नंदलाल ने बताया कि फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। नंदलाल नायक साल 2003 में अमेरिका से आदिवासी लोक संगीत के रिसर्च के सिलसिले में अपने गांव लौटे थे। इस दौरान वह 14 साल की एक लड़की से मिले थे। यह बच्ची बेहद शांत और किसी भी चीज को लेकर इच्छुक नहीं थी। नंदलाल ने जब लड़की का विश्वास जीता तो उसन बताया कि उसे मानव तस्करी के जरिए दिल्ली लाया गया।
बाथरूम में दिया बच्चे को जन्म
डायरेक्टर आगे कहते हैं, ‘मुझे लड़की ने बताया कि उसे कई बार बेचा गया। यही नहीं, उसकी हत्या करने से पहले 100 से ज्यादा बार उसके साथ दुषकर्म किया गया। जब वह प्रेग्नेंट हुई तो उसे एक जगह पर बंद कर दिया गया था। यहां एक बाथरूम में उन्होंने बच्चे को जन्म दिया था। इसके बाद बच्चे को सूटकेस में बंद कर वह वहां से किसी तरह भाग गई। उसने रांची की ट्रेन पकड़ी, इसके बाद बस बदली और लंबा सफर तय करने के बाद अपने गांव पहुंची।’
नंदलाल ने फिल्म बनाने के लिए अपनी पूरी सेविंग 3.5 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। हालांकि, ये पैसे काफी नहीं थे इसके बाद सुमित अग्रवाल ने उनकी मदद की थी। फिल्म के लीड रोल में रिंकल कच्चप, प्रद्युमन नायक हैं। फिल्म के ज्यादातर एक्टर एनएसडी से हैं।