जयपुर। राजस्थान के अशोक गहलोत सरकार के मंत्री परसादी लाल मीणा ने पटवारियों को लेकर विवादित बयान दिया है। मंत्री ने दावा किया कि देश में ईमानदार तहसीलदार नहीं हैं और ईमानदार लोग भी दो फीसद रिश्वत लेते हैं। राजस्थान के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि देश भर के तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों के बीच दो प्रतिशत रिश्वत लेने की प्रथा है। उनके मुताबिक, भारत में कहीं भी एक ईमानदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी नहीं मिल सकता है।
प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य सत्येश शर्मा की ओर से तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) प्रीतम कुमारी मीणा को प्रतीक्षित तैनाती आदेश (एपीओ) मिलने का मुद्दा उठाए जाने के बाद मंत्री की ओर से यह प्रतिक्रिया सामने आई है। इस बीच पार्टी के बूंदी शहर के अध्यक्ष देवराज गोचर के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी आशीष गुप्ता के खिलाफ उनकी शिकायतों को कथित रूप से नहीं सुनने के लिए मंत्री के विरुद्ध नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि वे भविष्य में कभी भी बूंदी जिले के प्रभारी परसादी लाल मीणा को जिले का दौरा नहीं करने देंगे।
मीणा ने जन सुनवाई के दौरान कहा, ‘भारत में कहीं भी एक ईमानदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी नहीं मिल सकता। मैं छठी बार विधायक हूं और तीसरी बार मंत्री हूं… कई तहसीलदार, नायब तहसीलदार प्रतिनियुक्त थे, वे हमेशा दो फीसदी (रिश्वत) लेते हैं।’ राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने सिवाना (बाड़मेर) में जोधपुर डिस्कॉम के सहायक अभियंता को एक शख्स से 10,500 रुपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।