टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार हत्याकांड (Gulshan Kumar Murder Case) में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) आज अपना फैसला सुना दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने रऊफ मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा है. वहीं रमेश तौरानी को मामले में बरी कर दिया गया है. कोर्ट को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. इसीलिए तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया गया.
गुलशन कुमार मर्डर केस में एक अन्य आरोपी अब्दुल राशिद को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया है. उसे पहले सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था. दाऊद के गुर्गे अब्दुल रशीद को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषी ठहराए हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 12 अगस्त 1997 को गुलशन कुमार मंदिर से घर लौटकर जा रहे थे तभी कुछ बदमाशों ने गुलशन कुमार पर गोलियां बरसा दीं थीं.
Conviction of Rauf Merchant is upheld by Bombay High Court in Gulshan Kumar murder case.
Ramesh Taurani's acquittal upheld, Maharashtra govt's appeal against Taurani dismissed.
— ANI (@ANI) July 1, 2021
गुलशन की मौत सभी के लिए काफी शॉकिंग थी. किसी ने नहीं सोचा था कि इतनी बड़ी हस्ती को कोई ऐसे खुल्लेआम गोली मार कर चला जाएगा. दरअसल सिंगर नदीम के इशारे पर ही गुलशन कुमार की हत्या की गई थी. इंडस्ट्री में नाम घटने का गुस्सा नदीम के दिमाग पर इस कदर हावी हुआ कि उसने गुलशन कुमार की हत्या कराने का मन बना लिया.
इस काम के लिए उसने अंडरवर्ल्ड का सहारा लिया. उन दिनों बॉलीवुड पर अंडरवर्ल्ड का सीधा प्रभाव था. दाऊद इब्राहिम दुबई से अपना धंधा चलाता था और अबू सलेम उस वक्त दाऊद का गुर्गा था. नदीम का फोन जाने के बाद उसने दुबई में एक मीटिंग की और गुलशन कुमार को फोन किया।