नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही थम गई हो, लेकिन अब कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के चलते तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है और ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार काफी सतर्क होकर काम कर रही है। इसी के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार इस वर्ष कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से हर वर्ष की भांति सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को इस वर्ष विपरीत परिस्थितियों के चलते रद्द करने का फैसला लिया है।
लगातार दूसरे साल कांवड़ यात्रा रद्द
कोरोना महामारी के चलते लगातार यह दूसरा साल है जब उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि यात्रा के दौरान देशभर के कावड़िए या शिव भक्त अपने-अपने क्षेत्रों में शिव मंदिरों में गंगा जल चढ़ाने के लिए हरिद्वार से गंगा का पवित्र जल लाते हैं और हजारों की संख्या में कांवड़िए लंबी कांवड़ यात्रा निकालते हैं।
उत्तराखंड के फैसले का असर अन्य राज्यों पर
उत्तराखंड सरकार ने भले ही अपने राज्य में कांवड़ यात्रा रद्द करने का आदेश जारी किया है, लेकिन इसका असर अन्य राज्यों से आने वाले कांवड़ियों पर भी हो सकता है। देश के अन्य राज्यों से भी कांवड़िए हरिद्वार गंगाजल लाने के लिए पहुंचते हैं। उत्तराखंड के बाद एहतियात के तौरा पर अन्य राज्य सरकारें जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि में भी कांवड़ यात्रा रद्द की जा सकती है। हालांकि इन राज्यों की ओर से कांवड़ यात्रा को लेकर कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया गया है।
चार मंदिरों की होगी लाइव स्ट्रीमिंग
गौरतलब है कि हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया था, उसके बाद अब कांवड़ यात्रा को भी रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को सीमित संख्या में तीर्थयात्रियों के साथ चार धाम यात्रा की अनुमति देने वाले राज्य कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी थी और चारधाम मंदिरों की लाइव स्ट्रीमिंग का भी निर्देश दिया था।