नई दिल्ली। दोस्त यूएई ने भारत को बड़ा झटका देते हुए भारतीय नागरिकों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, यूएई ने नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम, नामीबिया और जाम्बिया पर भी यात्रा को लेकर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन भारत को लेकर यूएई का ये कदम बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है और इससे यूएई में काम करने वाले लाखों भारतीयों पर असर पड़ेगा।
यात्रा पर प्रतिबंध का ऐलान यूएई की सरकारी न्यूज एजेंसी ने यात्रा को लेकर प्रतिबंध लगाने का ताजा ऐलान किया है, जिसमें यूएई की सरकार ने कहा है कि देश कोरोना वायरस से बचने के लिए सख्त उपाय कर रहा है और इन देशों की यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर रहा है। यूएई की सरकार की तरफ से कहा गया है कि भारत समेत 13 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है। यूएई के जनरल सिविल एविएशन अथॉरिटी ने नोटिस जारी करते हुए भारत, पाकिस्तान और नेपाल समेत 13 देशों पर यात्रा को लेकर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है और कहा है कि कोरोना महामारी को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है। यूएई ने भारत पर उस समय प्रतिबंध लगाया है, जब भारत में कोरोना वायरस के मामले काफी कम हो रहे हैं।
दुबई खोलेगा विदेशियों के लिए सरहद हालांकि, यूएई सरकार ने अपने नोटिस में ये भी कहा है कि जिन लोगों ने पिछले 14 दिनों के अंदर भारत की यात्रा की है, उन्हें वापस यूएई आने की शर्तों में थोड़ी ढील दी जाएगी। वहीं, यूएई के वो लोग, जो भारत में रहते हैं, उनके लिए यूएई सरकार ने कहा है कि टीके का दोनों खुराक लेने के बाद नये आदेश के तहत उन्हें वापस यूएई आने की इजाजत दी जाएगी। रविवार को यूएई सरकार की तरफ से बयान में कहा गया है कि जो लोग भारत से यूएई यात्रा करना चाहते हैं, उनके ऊपर लगे प्रतिबंधों में फिलहाल ढील नहीं दी जाएगी। इससे पहले दुबई सरकार ने अपने एक बयान में कहा था कि सात जुलाई से भारत के लिए उड़ाने शुरू हो जाएंगी।
भारत को बड़ा झटका यूएई सरकार का ये फैसला भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि, यूएई में लाखों भारतीय नौकरी करते हैं और भारतीय पर्यटकों के लिए भी दुबई बेहद पसंदीदा ठिकाना रहा है। वहीं, दूबई ने जुलाई महीने से दूसरे देशों के लिए अपने देश की सीमाएं खोल दी हैं, हालांकि, अबूधाबी जाने वाले लोगों को क्वारंटाइन रहना होगा। आपको बता दें कि अप्रैल महीने में यूएई सरकार ने भारत में कोरोना वायरस के अप्रत्याशित बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय नागरिकों के यूएई यात्रा पर बैन लगा दिया था। हालांकि, इसमें डिप्लोमेट और यूएई के नागरिकों के लिए छूट दी गई थी।
यूएई में भारतीय आधिकारिक आंकड़ों को बात करें तो यूएई की कुल आबादी करीब 90 लाख है और यूएई में दो तिहाई लोग प्रवासी हैं। जिनमें से 26 लाख भारतीय शामिल हैं। यानि, यूएई की कुल आबादी का 30 फीसदी हिस्सा भारतीय हैं। इसीलिए यूएई सरकार का ये फैसला लाखों भारतीय कामगारों के लिए बड़ा झटका माना जाता है। आपको बता दें कि यूएई में अरबी और अग्रेजी के अलावा हिंदी भाषा का भी अदालतों में इस्तेमाल किया जाता है और ये देश की तीसरी सबसे बड़ी आधिकारिक भाषा है। यूएई सरकार ने अदालतों में हिंदी में कामकाज करने की इजाजत सालों पहले दे चुकी है, इसके पीछे यूएई सरकार ने कहा था कि यूएई ने भारतीयों को न्याय पाने में दिक्कत ना हो, इसीलिए ये फैसला लिया गया था।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम यूएई भारत और यूएई पिछले कई सालों से काफी अच्छे दोस्त हैं। यूएई ने भारत से दोस्ती करने के लिए पाकिस्तान को भी दरकिनार कर रखा है। इस साल पहली बार पारस की खाड़ी में यूएई नेवी के साथ इंडियन नेवी ने सैन्य अभ्यास भी किया है। वहीं, भारत की अर्थव्यवस्था में यूएई का काफी अहम योगदान है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएऊ में रहने वाले भारतवंशियों की तरफ से सिर्फ केरल को 40 फीसदी हिस्सा मिलता है और यूएई विश्व का दूसरा ऐसा देश है, जहां भारत का सबसे ज्यादा निर्यात होता है। 2017 में जब यूएई के क्राउन प्रिंस भारत के गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बने थे, तो उन्होंने ऐलान किया था कि अगले पांच सालों में दोनों देशों के बीच होने वाले द्विपक्षीय व्यापार में 60 फीसदी तक इजाफा किया जाएगा।
भारत-यूएई फ्लाइट गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और यूएई के बीच हर हफ्ते 1076 फ्लाइट्स की आवाजाही होती है और दोनों देशों के बीच पर्यटन व्यवसाय भी काफी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। यूएई ने भारत के लोगों को वीजा नियमों में कई तरह की छूट दे रखी है, जो पाकिस्तान को भी हासिल नहीं है। भारत सरकार ने भी 2015 में यूएई के नागरिकों के लिए ई-वीजा की व्यवस्था की है। वहीं, हाल के आंकड़े बताते हैं कि दुबई जाने वालों में सबसे ज्यादा भारत के लोग शामिल हैं। वहीं, भारत की कई कंपनियों का हेड ऑफिस भी दुबई में है। संयुक्त अरब अमीरात ने इसी साल अपने नागरिकों पर पाकिस्तानियों से शादी करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि भारत को लेकर इस तरह का कोई नियम नहीं है।