रामायण के अनुसार हनुमान जी ने शनि देव को रावण के कारागार से मुक्त करवाया था। शनि देव ने प्रसन्न होकर कलयुग में हनुमान भक्ति को शनि के प्रकोप से बचने का सबसे सरल उपाय बताया था। शनिवार के दिन जो भी हनुमान जी की श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना करता है, उस पर शनि की दशाओं का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। शनि देव हनुमान भक्तों को कभी कोई कष्ट नहीं पहुंचाते हैं। यहां तक कि शनिवार के दिन हनुमान जी के कुछ विशेष पूजन हैं, जिन्हें करने से शनि देव की साढ़ेसाती और ढैय्या जैसी महादशा के प्रकोप से भी बचा जा सकता है। आपको बताते हैं हनुमान जी की उन विशेष पूजा के बारे में…
1- शनिवार को सूर्योदय काल में स्नान करने के बाद श्री हनुमते नम: का मंत्र का जाप करने से शनि की सभी महादशाओं से मुक्ति मिलती है।हनुमान जी का यह मंत्र कलयुग में सभी कष्ट और संकट को दूर करने वाला है और अपने भक्तों शनि देव के दण्ड से भी बचाता है।
2- शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए लगातार 10 शनिवार तांबे के लोटे में जल और सिंदूर मिला कर हनुमान जी को चढ़ाएं और साथ में गुड़ का भोग भी जरुर लगाएं। ऐसा करने हनुमान जी अवश्य प्रसन्न होते हैं और शनि देव के प्रकोप से भी रक्षा करते हैं।
READ MORE : BIG NEWS : आर्ट डायरेक्टर ने की आत्महत्या, बॉलीवुड में शोक की लहर
3- हर शनिवार को सरसों के तेल का दिया जला कर हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए, इससे प्रसन्न होकर हनुमान जी और शनि देव भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं।
4- प्रत्येक शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में या घर में हनुमान जी की मूर्ति या फोटो पर केले का प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
5- चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को चढ़ाने से श्री हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से शनि देव हनुमान भक्त का कुछ भी अनिष्ट नहीं होने देते।