रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे बड़े शासकीय डॉ. अंबेडकर अस्पताल में लापरवाही चरम पर है, जबकि कोरोना ने हजारों लोगों की जान ले ली है। अब जबकि कोरोना से राहत मिली है और राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान चल रहा है, उसमें में घोर लापरवाही बरती जा रही है।
यह मामला आज का ही है, जब राजधानी के गुढ़ियारी निवासी कामता प्रसाद उपाध्याय कोरोना के टीका का दूसरा डोज लगवाने डॉ0 अंबेडकर अस्पताल पहुंचे थे। इससे पहले जब वे पहला डोज लगवाने आए थे, उन्हें कोवीशील्ड लगाया गया था। आज जब वे दूसरा डोज लगवाने के लिए पहुंचे, तो बगैर उनसे पूर्व की जानकारी लिए मौजूदा स्टाफ ने को-वैक्सीन का डोज लगा दिया।
कामता प्रसाद उपाध्याय ने पहले तो डॉ. अंबेडकर अस्पताल के जिम्मेदारों को तलाशने की कोशिश की, लेकिन जब उन्हें कोई भी नहीं मिला, तो उन्होंने मीडिया से संपर्क किया और अपनी आपबीती बताई। उनकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कई मीडिया हाउस के लोग वहां पहुंचे, तब तक मौजूदा स्टाफ सारा सामान छोड़कर मौके से भाग खड़ा हुआ।
जान से खिलवाड़ क्यों
दो अलग-अलग वैक्सीन लगाने का दुष्परिणाम क्या हो सकता है, सही मायने में अभी तक नहीं पता है, क्योंकि प्रदेश में इससे पहले इस तरह की लापरवाही नहीं हुई है। लेकिन इस बात से इंकार कैसे किया जा सकता है कि इस तरह की हरकत किसी की जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा ही है।