बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने आरोप लगाया है कि एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के वकील ने 28 जून को जानबूझकर बॉम्बे हाईकोर्ट (BOMBAY HIGH COURT) में उनके पासपोर्ट को रिन्यू करने के लिए अपने पक्ष में आदेश प्राप्त करने के लिए एक भ्रामक बयान दिया. अख्तर ने अब कोर्ट में कंगना के खिलाफ हस्तक्षेप की अर्जी दाखिल की है.
क्यों लगाया आरोप
इस आवेदन में, जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने कहा कि नवंबर 2020 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के बारे में उनकी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज की थी. उन्होंने कहा कि एक्ट्रेस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही अब भी लंबित है.
जावेद ने की ऐसी मांग
अख्तर ने बॉलीवुड एक्ट्रेस द्वारा दायर रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की मांग की, जिन्होंने एक लेखक के कॉपीराइट का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ जर्द एक FIR को चुनौती दी है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि कंगना पिछले महीने से अपने पासपोर्ट को रिन्यू कराने की कोशिश कर रही हैं ताकि वह एक फिल्म की शूटिंग के लिए हंगरी के बुडापेस्ट जा सकें, लेकिन प्राधिकरण उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए रिन्यूअल में देरी कर रहा था. 28 जून को इस आवेदन पर सुनवाई के दौरान पासपोर्ट प्राधिकरण की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने उच्च न्यायालय को बताया कि कंगना की याचिका अस्पष्ट थी और यह स्पष्ट नहीं किया कि उनके खिलाफ कौन सी आपराधिक कार्यवाही लंबित है. जस्टिस एसएस शिंदे की अगुवाई वाली बेंच को ‘क्वीन’ एक्ट्रेस के वकील ने बताया कि उनके खिलाफ केवल दो FIR दर्ज की गई थी लेकिन इनमें आपराधिक कार्यवाही अभी तक शुरू नहीं हुई थी.
किन दो FIR का हुआ जिक्र
वकील के अनुसार, बांद्रा पुलिस ने पहली FIR पिछले साल अक्टूबर में ‘अपने ट्वीट के जरिए धार्मिक मतभेद को बढ़ावा देने के लिए दर्ज की थी और दूसरी प्राथमिकी इस साल मार्च में दर्ज की गई थी. यह ‘दिद्दा: वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर’ पुस्तक के लेखक ने आरोप लगाया था कि कंगना ने उनकी अनुमति के बिना पुस्तक के विषय पर एक फिल्म की घोषणा की।