जशपुर। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि एक परिवार के पालनहार की मौत के बदले उसके परिजनों को 2 लाख रुपए का मुआवजा दे दिया गया। जबकि उस किसान की मेहनत की फसल का निवाला पूरा छत्तीसगढ़ खाता रहा है। एक प्राइवेट कंपनी और प्रशासन की अनदेखी का दुष्परिणाम है कि प्रदेश के एक और किसान ने अपनी ईहलीला समाप्त कर ली है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक किसान ने आत्महत्या इसलिए कर ली, क्योंकि वह खेती नहीं कर पा रहा था। जिसके चलते वो परेशान था और आखिरकार उसने रविवार-सोमवार की दरमियानी रात को आत्मघाती कदम उठा लिया। इतना ही नहीं मामले में हैरानी करने वाली बात ये सामने आई है कि उसने अपनी परेशानी प्रशासन और पुलिस को भी बताई थी। इसके बावजूद उसका समाधान नहीं हो सका, जिससे परेशान होकर उसने यह कदम उठा लिया है।
दो सालों से थे हाथ खाली
लोदाम के एक किसान खेत में पानी भरने की समस्या से परेशान था। इसके लिए लालदेव (46) के परिवार वालों ने कुछ दिन पहले अपने खेत के पास खड़े होकर वीडियो भी बनवाया था। इस वीडियो में लालदेव के परिवार वालों ने साफ तौर पर आत्महत्या की बात कही थी। वीडियो में लालदेव के परिवार की महिला चंद्रावती ने कहा था कि खेत में पानी भरे होने के कारण दो साल से वे खेती से वंचित है। उनके जीने के लिए खेती ही एकमात्र सहारा है। यदि खेती नहीं हुई तो वे भूखे मर जाएंगे। इससे बेहतर है कि हम पहले ही मर जाएं। आखिरकार लालदेव ने ये कदम उठा ही लिया।
खेत से पानी निकासी बंद हो गई थी
दरअसल, कुनकुरी से शंख नदी पुल तक शिवालया कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा नई सड़क का निर्माण किया गया है। सड़क किनारे पानी के बहाव को लेकर नाले भी बनाए गए हैं। लोदाम व आसपास के क्षेत्र में अब सड़क की ऊंचाई बढ़ने व सड़क किनारे नाले की दीवार खड़ी हो जाने के कारण किसानों के खेत का पानी नहीं निकल पा रहा है।
कलेक्टर ने भी सिर्फ आश्वस्त किया
लालदेव के साथ चंद्रावती, तेतरु राम, जनकु उरांव सहित अन्य किसानों ने 15 जून को जशपुर पहुंचकर कलेक्टर को समस्या बताई थी। उस वक्त कलेक्टर ने पानी निकासी की व्यवस्था बनवाने की बात उनसे कही थी। शिकायत में लालदेव के परिवार वालों ने कहा था कि सड़क निर्माण के वक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी ने खेत से पानी निकासी की व्यवस्था बनाने का आश्वासन दिया था। पर अब सड़क बन जाने के बाद कंपनी का कोई कर्मचारी नहीं आता है। उनके पास इतने पैसे नहीं कि वे खुद ही खेत के पानी की निकासी की व्यवस्था बना सकें।
कंपनी ने एक लाख मुआवजा दिया
इधर, शिवालया कंपनी की तरफ से मृतक किसान के परिजनों को एक लाख रुपए मुआवजे के रूप में दिया है। कंपनी के डीपीएम संजय सिंह ने बताया कि फिलहाल मृतक के परिजनों को एक लाख की राशि दी गई है। परिजनों की किस तरह की मदद की जाएंगी, इसका निर्णय फैसला कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी करेंगे।