रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की वैभवशाली और समृद्ध संस्कृति के विभिन्न आयामों को सहेजने के लिए डिजिटल लाईब्रेरी तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इससे विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नई पहचान दिलाने में और भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचित कराने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोक संगीत, लोक नृत्य, लोक साहित्य सहित विभिन्न विधाओं के कलाकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इस डिजिटल लाईब्रेरी में विशेषज्ञों की सहायता से संकलित की जाए। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित संस्कृति विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में अनेक वाद्ययंत्रों का प्रचलन रहा है, बहुत से लोगों को अब इनकी जानकारी नहीं है। ऐसे वाद्ययंत्रों की जानकारियां उनके नाम, बजाने की विधि आदि की जानकारी रिकार्ड कर डिजिटल रूप से संग्रहित की जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों के लोक नृत्यों, लोक कलाकारों के संबंध में भी जानकारी एकत्र की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना सहित संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे अधिक से अधिक युवा कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि शासकीय सांस्कृतिक कार्यक्रम केवल स्थापित कलाकारों को ही न मिले। नये और युवा कलाकारों और लोककला दलों को भी काम दिया जाएं।
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य भी बैठक में उपस्थित थे।
संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने बैठक में जानकारी दी कि लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना, मानस मंडली प्रोत्साहन योजना, अर्थाभावग्रस्त होनहार कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि लोक कला और लोककलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए कलाकारों के पंजीयन के लिए विभाग द्वारा चिन्हारी पोर्टल तैयार किया गया है। कलाकारों और कला दलों को यूनिक पहचान पत्र देने की शुरूआत की जा रही है। इसी तरह विभाग में पंजीकृत संस्थाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए ऑनलाइन अनुदान पोर्टल बनाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग द्वारा अर्थाभावग्रस्त लेखकों और कलाकारों को मासिक पेंशन दी जा रही है। कलाकार कल्याण कोष (चिकित्सा अनुदान) के तहत गंभीर बीमारी, दुर्घटना, मृत्यु पर अधिकतम 25 हजार रूपए की सहायता दी जाती है। वर्ष 2020-21 में 131 प्रकरणों में 14 लाख 76 हजार रूपए की सहायता दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले 1678 कलाकार दलों को 9 करोड़ 56 लाख रूपए का मानदेय दिया गया है।
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बैठक में जानकारी दी गई कि लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 100 लोक कलाकारों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। नृत्य-संगीत, लोक नाट्य, लोकगाथा, छत्तीसगढ़ी गीतकार विधा के अधिकतम 30 कलाकार अथवा दल को कला के संरक्षण, संवर्धन और विकास के लिए 24 हजार रूपए की वार्षिक प्रोत्साहन राशि, वाद्ययंत्र वाद्क विधा के अधिकतम 25 कलाकारों या दल को 18 हजार रूपए, अधिकतम 20 शिल्पकलाकारों को 15 हजार रूपए, छत्तीसगढ़ी पाक कला (छत्तीसगढ़ी व्यंजन) के अधिकतम 25 कलाकारों अथवा दलों को 12 हजार रूपए तथा छत्तीसगढ़ सौन्दर्य कला के अधिकतम 10 कलाकारों को 12 हजार रूपए वार्षिक प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।
बैठक में बताया गया कि मानस मंडली प्रोत्साहन योजना 2021 के तहत ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर पर पंजीकृत रामायण मंडलियों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी और प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले रामायण मंडलियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रथम स्थान पर आने वाली 12 हजार मंडलियों में प्रत्येक को 5 हजार रूपए, ब्लॉक स्तर पर प्रथम स्थान में चयनित 146 मंडलियों को 10 हजार, जिला स्तर पर प्रथम स्थान में चयनित रामायण मंडलियों को 50 हजार रूपए, राज्य स्तर पर प्रथम स्थान पर चयनित मंडली को 5 लाख रूपए द्वितीय स्थान मंे चयनित मंडली को 3 लाख रूपए और तृतीय स्थान में चयनित मंडली को 2 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी तरह चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत लगभग 7 हजार रामायण मंडलियों को विशेष प्रोत्साहन के तहत वाद्ययंत्र क्रय करने के लिए 5-5 हजार रूपए की राशि प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अर्थाभावग्रस्त होनहार युवा कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना 2021 के तहत प्रतिवर्ष 101 युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। गुरू शिष्य परम्परा के अंतर्गत 56 चयनित प्रशिक्षार्थियों को प्रतिमाह पांच हजार रूपए, स्कूल शिक्षा के लिए चयनित 30 छात्रों को प्रतिमाह 8 हजार रूपए तथा उच्च शिक्षा के लिए चयनित 15 छात्रों को प्रतिमाह 10 हजार रूपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
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संस्कृति विभाग के सचिव ने बैठक में बताया कि राजधानी रायपुर में स्वामी विवेकानंद के रायपुर प्रवास की स्मृतियों को सहेजने के लिए स्वामी विवेकानंद स्मारक भवन (डे-भवन) तैयार किया जा रहा है, जिसमें स्वामी विवेकानंद की जीवनी, उनकी आध्यात्मिक यात्रा, रायपुर प्रवास, स्वामी विवेकानंद के विदेश प्रवास और भारतीय संस्कृति पर उनके प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग गैलरी बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक स्पेस केन्द्र विकसित किया जाएगा, जिसमें पुरखौती मुक्तांगन संग्रहालय परिसर में 10-10 एकड़ मंे भारत भवन, मानव संग्रहालय भवन, अभिलेखागार भवन बनाए जाएंगे। उन्होंने बुद्धिष्ट सर्किट निर्माण, पुरखौती मुक्तांगन में किए जा रहे नवीन कार्यो, बनाए जाने वाले वेब अभिलेखागार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह 2021 की तैयारियां विभाग द्वारा प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिला मुख्यालय में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए 15 अगस्त 2020 से गढ़कलेवा के जलपान गृह प्रारंभ कर दिए गए हैं।
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