नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला विस्तार कल यानी कि बुधवार को शाम 6 बजे हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस कैबिनेट विस्तार में OBC का सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व होगा. पीएम मोदी की नई कैबिनेट में 25 से ज्यादा OBC मिनिस्टर होंगे. इसमें SC और ST के 10-10 मंत्रियों के होने की संभावना है. नया मंत्रिमंडल इस तरह से बनाया जाएगा जिसमें हर राज्य को प्रतिनिधित्व का मौका मिले.
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भारत का सबसे युवा मंत्रिमंडल
जानकारों की मानें तो इस मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद ये भारत के इतिहास का सबसे युवा मंत्रिमंडल हो जाएगा. बताया जा रहा है कि इस बार कई युवा चेहरों को इसमें तरजीह दी जाएगी, जिसके चलते मंत्रिमंडल की औसत आयु काफी कम हो जाएगी. नए मंत्रिमंडल में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा होने वाली है.
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प्रोफेशनल्स को मिलेगी जगह
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में प्रोफेशनल, मेनेजमेंट, MBA, पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को शामिल किया जा रहा है. बड़े राज्य को ज्यादा हिस्सेदारी दी जाएगी. बुंदेलखंड, पूर्वांचल, मराठवाड़ा, कोंकण जैसे इलाको को हिस्सेदारी दी जा रही है.
UP से इन चेहरों को मिल सकती है जगह
उत्तर प्रदेश यानि वो राज्य जो इस वक्त बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. अगले साल राज्य में चुनाव होने हैं और इसे देखते हुए बीजेपी उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा चेहरों को कैबिनेट में शामिल कर सकती है. इसके अलावा मध्यप्रदेश और बंगाल से भी नए चेहरे कैबिनेट का हिस्सा बनेंगे. बंगाल में बीजेपी उन चेहरों को पुरस्कार दे सकती है जिन्होंने बंगाल विधान सभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन यूपी नए कैबिनेट विस्तार में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व पाएगा ये लगभग तय है.
राजनीति के जानकारों की मानें तो अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल मंत्री बनाई जा सकती हैं. अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थीं. दरअसल, BJP की नजर कुर्मी वोट बैंक पर है और अनुक्रिया का प्रभाव पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड में कुर्मी वोट बैंक के बीच अच्छा है. बता दें कि अनुप्रिया उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सांसद हैं.
मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले नामों में एक और नाम की चर्चा तेज है और वो हैं निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद. प्रवीण निषाद बीजेपी से संतकबीरनगर से सांसद हैं. निषाद पार्टी का गोरखपुर क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है. यूपी से बीजेपी ब्राह्मण और ओबीसी चेहरों को भी जगह दे सकती है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना तय!
मध्यप्रदेश की बात करें तो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. मध्य प्रदेश से अभी मोदी मंत्रिमंडल में चार चेहरे थे नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल. थावरचंद के राज्यपाल बनने के बाद ये माना जा रहा है कि मालवा बेल्ट से एक नए चेहरे की एंट्री मोदी कैबिनेट में हो सकती है इसमें कैलाश विजयवर्गीय संभावित दावेदार माने जा रहे हैं वहीं राकेश सिंह भी मध्यप्रदेश से मंत्री पद के संभावित उम्मीदवार हैं.
क्या कहता है बंगाल का समीकरण?
बंगाल में चुनाव कुछ दिन पहले ही खत्म हुए हैं. ये चुनाव बीजेपी जीती तो नहीं लेकिन बंगाल में नेताओं और कार्यकर्ताओं की मेहनत के बाद काफी मजबूत जरूर हो गई. ऐसे में मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में बंगाल के सांसदों को भी जगह मिल सकती है. संभावितों की बात करें तो इस रेस में दो नाम सबसे आगे हैं. शांतनु ठाकुर बनगांव लोक सभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं और मतुआ समुदाय से जुड़े हुए हैं. मतुआ समुदाय पर उनका काफी प्रभाव माना जाता है. इसके अलावा बंगाल चुनाव खासकर नॉर्थ बंगाल में बीजेपी की सफलता के पीछे नीशीथ प्रमाणिक का ही हाथ था जिसका उनको ईनाम मिल सकता है.
चिराग पासवान की टेंशन बढ़ी
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरों के बीच बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. मंगलवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पशुपति पारस (Pashupati Paras) को LJP कोटे से मंत्री नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो वह कोर्ट जाएंगे.
चाचा पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलने की अटकलों के बीच चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि LJP कोटे से किसी को मंत्री न बनाया जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र में कहा, ‘पशुपति पारस को LJP कोटे से मंत्री न बनाया जाए. अगर उन्हें मंत्री बनाना है तो एक निर्दलीय सांसद के रूप में मंत्री बनाया जाए. अगर LJP कोटे से उन्हें मंत्री बनाया जाता है तो हम कोर्ट जाएंगे.’