नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार और फेरबदल के बाद आज यानी गुरुवार शाम को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा फैसला लिया गया। इसके तहत भविष्य में महामारी से निपटने के लिए 23,123 करोड़ के पैकेज का एलान किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से करेंगी। इसमें 15 हजार करोड़ रुपये की भागीदारी केंद्र की होगी जबकि 8 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी।
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि हमें सामूहिक रूप से कोरोना के खिलाफ लड़ना है। सीमा अवधि अधिकतम 9 महीने की है। हमें इसे जल्दी पूरा करना होगा। राज्य सरकारों को इसे जल्दी करना होगा। राज्य की हर संभव मदद करना हमारा कर्तव्य है।
कोरोना राहत कोष के तहत 20,000 आईसीयू बेड बनाए जाएंगे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि 736 जिलों में बाल चिकित्सा देखभाल केंद्र बनाए जाएंगे एवं कोरोना राहत कोष के तहत 20,000 आईसीयू बेड बनाए जाएंगे।
हर जिले में ऑक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी, हर जिले में दवाइयों का बफर स्टॉक होगा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हर जिले में 10 हजार लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। हर जिले में एक करोड़ रुपए की दवाइयों का बफर स्टॉक किया जाएगा। 23,000 करोड़ रुपए के इस पैकेज की सारे प्रावधानों को अगले 9 महीनों में अमल में लाया जाएगा।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई और होगी मजबूत: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23,123 करोड़ रूपये के पैकेज को मंजूरी दी।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के एक नए पैकेज को मंजूरी दी गई है। इसके तहत देश के सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट से लेकर आईसीयू बेड, ऑक्सीजन स्टोरेज, एंबुलेंस और दवाओं जैसे जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।’’
जानिए क्या है इस योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य ढांचे का विकास और उचित परिणामों पर जोर के साथ शुरुआती रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के उद्देश्य से त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों में तेजी लाना है। इस पैकेज के चरण-2 में केंद्रीय क्षेत्र (सीएस) और केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के घटक शामिल हैं।
बयान के अनुसार, केंद्रीय क्षेत्र के घटकों के अंतर्गत एम्स और अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली, एलएचएमसी और एसएसकेएच, दिल्ली, आरएमएल, दिल्ली, रिम्स, इम्फाल और एनईआईजीआरआईएमएस, शिलांग, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी और एम्स दिल्ली (मौजूदा एम्स) और पीएमएसएसवाई के तहत नए एम्स) को कोविड प्रबंधन के लिए 6,688 बिस्तरों के संबंध में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
इसमें कहा गया है कि रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को वैज्ञानिक नियंत्रण केंद्र, महामारी सूचना सेवाएं (ईआईएस) और आईएनएसएसीओजी सचिवालय सहयोग को स्वीकृति के अलावा जीनोम अनुक्रमण मशीनें उपलब्ध कराकर मजबूत बनाया जाएगा।