गुरुवार को छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने बस की बारात निकाली। ये बारात प्रदेश के हर शहर में निकाली गई। महंगाई की वजह से हुए प्रदेशस्तरीय इस आंदोलन का असर रायपुर में भी देखने को मिला। पंडरी बस स्टैंड पर गांधी टोपी लगाए बस संचालक जमा होने लगे। सभी ने हाथ में हमारी मांगे पूरी करो, महाबंद जैसी बातें लिखी तख्ती थाम रखी थी। बस स्टैंड के बाहर ही नारे बाजी शुरू हो गई। इसके बाद बसों की बारात निकाली गई।
पंडरी बस स्टैंड पर दर्जनों बस मालिकों की गाड़ियां लाकर खड़ी की गईं थीं। ये सभी धीरे-धीरे कर सरकार के जिम्मेदार लोगों से मिलकर अपनी मांगों से अवगत कराने बढ़ने लगीं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मौजूद रहे। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि बसों की ये बारात कलेक्टोरेट परिसर तक जाएगी। लेकिन बारात लेकर 100 मीटर ही चलने के बाद प्रदर्शन कारियों ने बस ऑपरेटरों का रास्ता रोक दिया। यहां से पुलिस ने किसी को आगे जाने नहीं दिया। काफी देर तक यहां गहमा-गहमी का माहौल रहा। पदाधिकारियों ने इस दौरान एलान कर दिया कि यदि इनकी मांग नहीं मानी गई तो 13 जुलाई से पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा।
इस कानून को भी खत्म करने की मांग
यातायात महासंघ के अनवर अली ने बताया कि राज्य सरकार ने साल 2009 में एक ऐसा कानून भी लागू किया था जिसमें यदि बसें खड़ी हुई हैं उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा तो भी उसका टैक्स हमें सरकार को देना पड़ता है। ऐसे में हम चाहते हैं कि इस कानून को खत्म किया जाए क्योंकि इस वजह से बड़ा नुकसान हमें झेलना पड़ता है।
मांग नहीं मानी गई तो ये होगा
- 12 जुलाई को रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर प्रदेश के सभी बस संचालक अपने पूरे परिवार के साथ इकट्ठा होकर महा धरना देंगे ।
- 13 जुलाई को बस संचालकों ने अनिश्चितकाल के लिए बसों की सेवा बंद करने का फैसला लिया है।
- 14 जुलाई को यह सभी दोपहर 3रू00 बजे खारून नदी पर जाकर जल समाधि लेंगे यह भी कहा गया है कि अगर इस दौरान कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदार केंद्र और राज्य की सरकार होगी।