छत्तीसगढ़ की राजधानी सहित पूरे प्रदेश में सायबर अपराध का ग्राफ धड़ल्ले से बढ़ रहा है। एक तरफ जहां ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है, तो दूसरी तरफ एटीएम लुटेरों की सक्रियता बेहद गंभीरता का प्रश्न बन गया है। ऐसे राजधानी पुलिस के हाथ एक मजबूत कड़ी लग गई है। पुलिस इस क्लू के जरिए अब एटीएम लुटेरों की तलाश में जुट गई है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आए दिन एटीएम लुटने की वारदातें सामने आ रही हैं, लेकिन इसमें शामिल अपराधियों तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है। पर इस बार सीसीटीवी कैमरे ने पुलिस के काम को थोड़ा आसान जरूर कर दिया है। उरला के एक एटीएम को तोड़ने की जुगत में लगे बदमाशों की फुटेज पुलिस के हाथों लग गई है, जिसे आधार बनाकर पुलिस एक बड़ी सफलता के प्रयास में जुट गई है।
चार दिन और 15 वारदातें
पुलिस की ही मानें तो राजधानी में महज 4 दिनों के भीतर एटीएम में फंसे पैसों को निकालने और एटीएम लुटने की 15 वारदातें दर्ज हैं, लेकिन किसी भी मामले में पुलिस वारदातियों तक पहुंच पाई हो, इसका जिक्र नहीं मिलता। ताजा परिस्थितियों में पुलिस को केवल उरला में वारदात करते हुए फुटेज मिले हैं, जिसे आधार बनाकर अपराधियों की तलाश शुरू की गई है।
क्यों फंस जाते हैं पैसे
आमतौर पर एटीएम धारक पैसे निकालने के वक्त इस बात को ध्यान में नहीं रख पाता कि उसके पैसे फंस भी सकते हैं। यह सामान्य बात है, क्योंकि कोई सामान्य इंसान अपराधियों की तरह नहीं सोच सकता। लेकिन बदमाश किस्म के लोग एटीएम में स्केलों के माध्यम से एडहेसिव लगा देते हैं, जिसकी वजह से पैसे भीतर ही फंस जाते हैं। जैसे ही उपभोक्ता बाहर जाता है, उसके पीछे आकर पैसों को एटीएम तोड़कर निकाल लिया जाता है।
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