दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए लोग अपनी भड़ास निकालने लगे थे। देश में जातिगत, राजनीतिक मीम्स सहित अपराधिक घटनाक्रमों का जिस तरह से उल्लेख किया जा रहा था, केंद्र सरकार ने उस पर संज्ञान लिया है। इसके साथ ही निजता हनन का मामला भी गरमा गया था। इन तमाम बातों को ध्यान में रखकर ही सरकार ने सख्ती शुरू की है।
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हाल ही में सरकार ने IT एक्ट में सोशल मीडिया, न्यूज पोर्टल और OTT प्लेटफॉर्म के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के तहत 50 लाख से ज्यादा यूजर वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हर महीने एक कम्प्लायंस रिपोर्ट जारी करनी होगी। इस रिपोर्ट में एक महीने के दौरान उस प्लेटफॉर्म पर आई शिकायतें और उन शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई इसका ब्योरा होगा। इसी नियम के तहत इन कंपनियों ने अपनी पहली रिपोर्ट जारी की है।
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- छोटे बच्चों की बिना कपड़े पहने फोटो या वीडियो शेयर करने से बचें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐसे कंटेंट को अपने आप ही चाइल्ड पोर्नाेग्राफी की कैटेगरी में डाल देता है, जिससे आपका अकाउंट बंद हो सकता है।
- किसी को अश्लील, धमकी भरे या अपमानजनक मैसेज न भेजें। मजाक-मजाक में किसी मीम को शेयर करते हुए भी ध्यान रखें कि ये किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला, अपमानजनक या अश्लील न हो।
- किसी फोटो को गलत तरीके से एडिट कर वायरल करने की धमकी देना भी आपको जेल में भिजवा सकता है।
ड्रग्स, सुसाइड या सेल्फ इंजरी और हथियारों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर न डालें। ऐसे कंटेंट को सोशल साइट्स तुरंत हटा देती है। - ब्लैकमेलिंग, हेट स्पीच और किसी की प्राइवेसी को खत्म या कम करने वाला कंटेंट शेयर न करें। सोशल मीडिया पर इस तरह की कमेंट्स भी न करें।
- मामले की गंभीरता को देखते हुए सोशल मीडिया साइट्स आपको पहले चेतावनी भी दे सकती हैं या सीधे ही आपका अकाउंट ब्लॉक कर सकती हैं।