बिरगांव में घर सूना छोड़ना खतरे से खाली नहीं है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा के फेरीवाले त्योहारी सीजन से पहले ही सक्रिय हो जाते हैं। वे सूने घरों की रेकी कर रहे हैं। इनके आते ही इलाके में चोरियों का ग्राफ बढ़ रहा है। बिरगांव से लगे राजधानी में हर माह करीब 100 चोरियां हो रही हैं। इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक 756 चोरियों के मामले सामने आए हैं। अधिकतर घटनाओं के पीछे बाहरी गिरोह का हाथ पाया गया है। दूसरे राज्य के चोर यहां कॉलोनियों में कंबल, चादर, अन्य कपड़े, घरेलू सामान, गैस चूल्हा आदि बेचने या इनाम वाली स्कीम लेकर घरों की रेकी करते हैं। रेकी के बाद चोरियां करते हैं।
विशेष अभियान भी दिखावा साबित
पिछले साल पुलिस ने कई चोरियों का पर्दाफाश किया था। उस दौरान आरोपियों ने फेरी वाला बनकर चोरी करना कबूल किया था। इसके बाद कुछ और चोरियों में फेरीवालों की भूमिका सामने आई। पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर फेरी वालों पर रोक लगाई। इसके तहत तय किया गया था कि बिना आईडी के किसी फेरीवाले को नहीं घूमने दिया जाएगा। मगर, इस पर एक भी कार्रवाई नहीं हुई।
ठगों ने भी बिछाया जाल
चोरी के अलावा ठग भी घूम रहे हैं। घरेलू सामान का कूपन लेकर जेवर चमकाने वाले इनाम फंसने और सस्ते में कपड़े व गैस चूल्हा बेचने का दावा किया जाता है। जेवर चमकाने का झांसा देकर आभूषण पार करने वाले कई मामले सामने आए हैं।
ये हैं कारण
फेरी वालों पर ध्यान नहीं देते
कालोनियों में सुरक्षाकर्मी नहीं है।
सीसीटीवी कैमरे भी नहीं है।
लोगों में जागरूकता कम है।
सस्ता सामान बेचने वालों की गतिविधि नहीं देखते।
बाहर जाने पर पड़ोसियों को सूचना नहीं देते।
दूसरे राज्यों या शहरों से आने वालों की जांच में कोताही।
पुलिस पेट्रोलिंग कम और खुफिया तंत्र कमजोर।