नई दिल्ली। कोरोना वायरस, एक ऐसा नाम जिसने ना केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को खौफजदा कर दिया। शायद किसी ने सोचा तक नहीं था कि उनके अपने, जो हंसते-खिलखिलाते रोज वक्त बिताया करते थे, अब केवल उनकी यादें ही शेष है। इससे पीड़ित भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेहद संवेदनशीलता के साथ देश से अपील की है कि सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करना जरूरी है, क्योंकि सवाल बच्चों का है, देश के भविष्य का है।
इस एक कोरोना वायरस ने डेढ़ बरस के भीतर अपने कई रूप दिखाए। एक के बाद दूसरी लहर आई और लाखों लोग अकाल मौत की आगोश में समा गए। हालात अब भी पूरी तरह काबू में नहीं हैं। तो दूसरी तरफ तीसरी लहर की आशंकाओं ने दहशत की तस्वीर को और भी ज्यादा भयावह बना दिया है।
विश्वभर के अग्रणी वैज्ञानिक संस्थानों का दावा है कि पूरे विश्व में कोरोना की तीसरी घातक लहर का आना तय है। अब तक बुजुर्गों और युवाओं को चपेट में लेने के बाद यह इस बार बच्चों पर घात लगाए हुआ है। ऐसे में हर किसी का खौफजदा होना स्वाभाविक है। क्योंकि इंसान खुद पर सब बर्दाश्त कर सकता है, बच्चों पर नहीं।
अगस्त-सितंबर कर रहा भयाक्रांत
विश्व के सभी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर अगस्त और सितंबर में कोहराम मचाएगी। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो सकते हैं। इसके पीछे स्पष्ट वजह यह है कि ज्यादातर बड़े वैक्सीनेट हो चुके हैं, लेकिन बच्चों के लिए अभी तक कोई भी सुरक्षा कवच तैयार नहीं हो पाया है।
पीएम मोदी ने कही है बड़ी बात
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने समीक्षाएं शुरू कर दी हैं और मेडिकल सुविधाओं के लिए निर्देश भी जारी कर दिया है। ऑक्सीजन की किल्लत से उबरने के लिए तैयारियां जारी है, तो बच्चों को किसी तरह का नुकसान ना हो, इस पर ध्यान रखने के लिए प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है। उन्होंने देश के प्रत्येक नागरिक से कहा है कि हमारे बच्चे ही हमारा कल हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा का जिम्मा हर किसी को संभालना होगा।