बिलासपुर। बिहार का चारा घोटाला आज भी लोगों के जेहन में वैसे ही तरोताजा है जैसा कि उसके खुलासे के वक्त था। अब शायद छत्तीसगढ़ का गोबर घोटाला भी पूरे देश में चर्चा का विषय बन सकता है। दरअसल बिलासपुर जिला पंचायत में गोबर घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है।
इस गोबर घोटाले के मामले में जिला पंचायत बिलासपुर के परियोजना अधिकारी रिमन सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले के तीन समूहों ने बिना गोबर खरीदी ही भुगतान प्राप्त कर लिया। पूरी गोबर खरीदी को केवल कागजों में दर्शाया गया है, जिसके चलते तीनों समूहों को नगद राशि वापस करने की हिदायत दी गई है।
बताया जा रहा है कि बिलासपुर जिले में तीन स्व सहायता समूह ने इस गोबर घोटाले को अंजाम दिया है जिसकी एवज में इन तीनों ने मिलकर 460000 का भुगतान भी प्राप्त कर लिया।
जिला पंचायत सीईओ हेरिस एस. को खरीदी से संबंधित और भुगतान प्राप्ति को लेकर किसी प्रकार का संदेह हुआ जिसके चलते उन्होंने अपने मातहत अधिकारियों को इस मामले की जांच का आदेश दिया। जांच में इस बात की पुष्टि भी हो गई कि, तीनों समूहों ने मिलकर गोबर घोटाले को अंजाम दिया है।
हालांकि इन तीनों समूहों के खिलाफ किसी तरह का अपराधिक प्रकरण नहीं दर्ज कराया गया है बल्कि उन्हें 3 दिनों का मोहलत दे कर आहरित राशि को वापस किए जाने निर्देश दिए गए हैं।