गरियाबंद। जब जानवर किसी इंसान को मारे, तो दुनिया में उसे कहते है वहशी सारे। लेकिन जब इंसान जानवर की जान लेता है तो सारा संसार तमाशा देखता है। उसकी मौत, उसका नसीब मान लिया जाता है। उसे कभी शौक़ के लिए, तो कभी स्वाद के लिए, तो कभी उससे पैसा कमाने के लिए मार दिया जाता है। दलील दी जाती है कि जानवर तो है ही इंसान के फ़ायदे लिए। इंसान, जानवरों का हर तरह से इस्तेमाल करता है।
वहीं जानवरो की तस्करी दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा करने वाली तस्करी इंडस्ट्री मानी जाती है। तस्करी का ताजा मामला गरियाबंद वन मंडल में देखने मिला है। जहां 6 संदिग्ध अपराधियों को पुलिस ने दबोचा है। इन 6 लोगों के पास 4 नग तेंदुआ खाल, 1 बाघ की खाल, 1 दांत, 2 नाखून बरामद किए गए हैं। साथ ही 4 मोटरसाइकिल प्राप्त हुई हैं। पुलिस का मानना है की ये 6 अपराधी जानवरों को मारकर उनकी खाल बेचने जा रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर में मौजूद वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो को वन्य प्राणी खाल तस्करी के लगातार इनपुट मिल रहे थे। क्राइम बोर्ड के अफसर विपिन चतुवेर्दी के नेतृत्व में गरियाबन्द के अलावा ओड़िसा के नूवापडा व कालाहांडी जिले के भवानीपटना डिवीजन के वन अफसरों की सयूक्त टीम बनाई गई। शुक्रवार की दोपहर को भवानीपटना डिवीजन के जारिंग इलाके में टीम ने 4 तस्करों को 2 तेंदुए व 1 सावक तेंदुए के खाल के साथ दबोच लिया। इनके कब्जे से नाखून व दांत भी जप्त किया गया। शाम ढलने से पहले टीम इसी तरह रामपुर रेंज में जाल बिछाया।जंहा 2 तेंदुए और 1 शेर के खाल के साथ 2 आरोपी दबोचे गए। बेजुबानो के खाल के साथ कुल 6 तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
सूत्रों के मुताबिक सभी आरोपीयो को भवानीपटना डिवीजन ऑफिस लाया गया जहां देर रात तक कार्यवाही जारी रही।