हिंदी पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार आषाढ़ माह की अमावस्या दो दिन पड़ रही है। अमावस्या तिथि 09 जुलाई को सुबह 05 बजकर 16 मिनट से शुरू हो कर 10 जुलाई को प्रातः काल 06 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। क्योकि 10 जुलाई को भी सूर्योदय अमावस्या तिथि में ही हो रहा है इसलिए 10 जुलाई को भी अमावस्या तिथि ही मानी जाएगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज, 10 जुलाई को अमावस्या के साथ शनिवार होने के कारण ये शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बन रहा है। शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करने से सभी प्रकार के शनिदोष समाप्त हो जाते हैं।
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आज साल की दूसरी शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बना है इससे पहले ये संयोग 13 मार्च को बना था। शास्त्रों के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा करने का विशेष संयोग होता है। इस दिन शनिदेव की पूजा करने और दान देने से शनि की ढैय्या और साढ़े साती के प्रभाव से मुक्ति पाई जा सकती है। शनिश्चरी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने तथा दान देने से कई गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए व्रत रखने और जरूरत मंद व्यक्ति को भोजन खिलाने का विधान है।
शनिश्चरी अमावस्या के विशेष उपाय
कुण्डली में व्याप्त शनि दोष को समाप्त करने के लिए कुछ विशेष उपाय शास्त्रों में बताए गए हैं, उनके अनुसार..
– शनिश्चरी अमावस्या के दिन सरसों के तेल, काला छाता, जूते-चप्पल,काले कपड़े और उड़द की दाल आदि का दान करने से शनि दोष समाप्त हो जाता है।
– इस दिन नहाने के पानी में काला तिल मिलाकर नहाने और काले कपड़े में रख कर काले तिल का दान करने से शनि की महादशा से मुक्ति मिलती है।
– इस दिन दूध, जल और सफेद तिल मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।