नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत देश के कई अन्य राज्यों में आकाशीय बिजली गिरने से कुल 78 लोगों की जान चली गई। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए राहत राशि की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश में 41 और मध्य प्रदेश में दो दिन के अंदर आकाशीय बिजली गिरने 14 की जान चली गई है। वहीं, आकाशीय बिजली गिरने से राजस्थान के छह जिलों में 23 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही 28 घायल हो गए। सबसे ज्यादा 12 लोगों की मौत जयपुर में हुई है। ये सभी आमेर किले के वाच टावर पर खड़े होकर मौसम का आनंद ले रहे थे। आमेर किले के वाच टावर पर जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें नौ स्थानीय और तीन पर्यटक थे। उधर, मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो दिन (रविवार व सोमवार) में 14 की जान गई है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भी रविवार को आकाशीय बिजली की वजह से 41 लोगों की जान चली गई थी।
जानकारी के अनुसार आमेर किले और वाच टावर पर जाने की अनुमति शाम सात बजे तक ही है, लेकिन करीब 25 लोग रविवार रात आठ बजे तक वहां मौजूद थे । इसी बीच बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरी, जिसमें 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई । वाच टावर पर ज्यादातर लोग सेल्फी लेने गए थे। आपदा प्रबंधन टीम के उप नियंत्रक जगदीश रावत ने बताया कि जहां बिजली गिरी, वहां लाइट का प्रबंध नहीं है। हादसे में घायल एक व्यक्ति ने मोबाइल से कंट्रोल रूम में सूचना दी। इसके बाद रात 8:30 बजे आपदा प्रबंधन दल और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। अंधेरा होने के कारण पहले मोबाइल की फ्लैश लाइट से लोगों को पहाडि़यों से नीचे पहुंचाया गया । रातभर बचाव कार्य चला, जो सुबह खत्म हुआ। इस दौरान ड्रोन से भी लोगों की तलाशी की गई। जयपुर के पुलिस उपायुक्त राहुल प्रकाश ने सोमवार सुबह 11 बजे मृतकों की संख्या के बारे में अधिकारिक पुष्टि की । उन्होंने 12 लोगों की मौत के साथ ही 10 लोगों के घायल होने की बात कही है ।
पीएम और सीएम ने की राहत राशि की घोषणा
प्रधानमंत्री राहत कोष से मरने वालों के स्वजन को दो-दो लाख एवं घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनके स्वजन को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी हादसों पर शोक जताया है।