फरीदकोट (Faridkot) में करीब 400 तोतों की मौत (Parrots Death) के मामले में पंजाब वन विभाग (Punjab Forest Department) को आदेश जारी किया गया है. NGT (National Green Tribunal) ने वन विभाग को आदेश देते हुए कहा कि विभाग इस मामले की गहनता से जांच कराए और मौत के कारणों का पता लगाए. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब के मुख्य वन्यजीव वार्डन को पर्यावरण विभाग के साथ कोऑर्डिनेट कर मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
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NGT ने ये आदेश ट्रिब्यूनल एडवोकेट एचसी अरोड़ा द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. अरोडा ने फरीदकोट के उपायुक्त कार्यालय परिसर में सैकड़ों तोतों की अचानक मौत के मामले में जांच के निर्देश देने की अपील की थी. याचिका में दावा किया गया है कि तोतों कि मौत का कारण रसायनों का छिड़काव है.
‘रसायनों के छिड़काव के कारण तोतों की मौत’
पीठ ने कहा, ‘‘हम पर्यावरण विभाग या किसी अन्य विशेषज्ञ के साथ समन्वय में पंजाब के मुख्य वन्यजीव वार्डन को मामले को देखने और इस पर कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं.’’ पीठ ट्रिब्यूनल एडवोकेट एचसी अरोड़ा द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रहा थी, जिसमें फरीदकोट के उपायुक्त कार्यालय परिसर में तोतों की मौत के मामले में निर्देश देने की अपील की गई थी.
याचिका के मुताबिक कुछ रसायनों के छिड़काव के कारण तोतों की मौत हुई. याचिका में कहा गया कि 2017 से हर साल मौतें हो रही हैं और इस बारे में खबरें मीडिया में प्रकाशित भी होती हैं लेकिन कोई उपचारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है.