नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जरूरी समझे जाने वाले कानूनी संशोधनों को लेकर सरकार अब देरी के मूड में नहीं है। मानसून सत्र में देश की आर्थिक गतिविधियों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले डेढ़ दर्जन विधेयक पारित करवाने की कोशिश केंद्र सरकार की तरफ से की जाएगी। इनमें दिवालिया कानून (इंसाल्वेंसी व बैंक्रप्सी कोड-आइबीसी) में संशोधन भी शामिल है।
मानसून सत्र में 17 विधेयक होंगे पेश, दिवालिया कानून में संशोधन विधेयक भी शामिल
अप्रैल, 2021 में सरकार ने आइबीसी में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था। अब अध्यादेश की जगह संशोधित कानून लाया जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर के बाद छोटे और मझोले क्षेत्र की कंपनियों में बड़ी संख्या में दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं। संशोधित कानून के माध्यम से छोटी व मझोली कंपनियों में दिवालिया प्रक्रिया को काफी सुविधाजनक तरीके से और बहुत ही कम समय में पूरा किया जा सकेगा। कोल बीयरिंग एरियाज (अधिग्रहण व विकास) संशोधन विधेयक, 2021 कोयला खनन क्षेत्र में निजीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए लाया जा रहा है।
संशोधन के जरिए जिन कंपनियों को कोयला खनन क्षेत्र दिया जाएगा उन्हें उस जमीन का अपनी मर्जी से इस्तेमाल करने की छूट होगी। वहां कोयला खनन के साथ इससे जुड़ी दूसरी गतिविधियों से जुड़े कारोबार भी किया जा सकेगा। सरकार बिजली कानून में संशोधन करने संबंधी बहुप्रतीक्षित विधेयक भी मानसून सत्र में लाएगी। यह कानून विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति के साथ ही दूसरी सुविधाएं देने का रास्ता साफ करेगा। यह विधेयक बिजली क्षेत्र में क्रास सब्सिडी को खत्म करने और बिजली वितरण में प्रतिस्पद्र्धा को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही सीमित दायित्व वाले साझेदारी फर्म के काम काज से जुड़े कानून एलएलपी में संशोधन का एक महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश होगा।