रायपुर। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति पर जमकर राजनीति शुरू हो गई है। जनसंख्या नियंत्रण बिल पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि एक समय भाजपा ने ही कांग्रेस के नसबंदी कार्यक्रम का विरोध किया था। आज वहीं, जनसंख्या नियंत्रण बिल की सिफारिश कर रहे हैं। इस बीच जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए पूरे देश में ऐसी नीति लाने की मांग उठ रही है।
विपक्ष जनसंख्या नीति की आलोचना कर रहा है, वहीं योगी आदित्यनाथ ही सरकार ने इसे मौजूदा दौर की जरूरत करार दिया है। भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा ने ही नसबंदी के कार्यक्रम का विरोध किया था, अगर 70 के दशक में नसबंदी को आगे बढ़ाते, तो आज जनसंख्या इतनी नहीं बढ़ी होती। जनसंख्या नियंत्रण का कानून बनाने से समस्या का हल नहीं होगा, जब तक लोगों में जागरूकता नहीं हो।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की सरकार में ‘हम दो हमारे दो’ का नारा दिया गया था। इसमें कुछ नया नहीं है। अगर हमें जनसंख्या को नियंत्रित करना है, तो सिर्फ नीति बनाने से काम नहीं चलेगा। हमें लोगों को जागरूक करना होगा। जागरूकता आने के बाद किसी नीति की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। जनसंख्या नियंत्रण पर नीति लाकर सिर्फ इस मुद्दे को सियासी रंग दिया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है।’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा तैयार कर नई बहस छिड़ गई है। दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जहां सत्ताधारी राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (NDA) में फूट है, तो दूसरी तरफ इसे विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के घटक दल का साथ मिल रहा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी मसौदा नीति के एक प्रावधान पर आपत्ति जताई है। इन सारी बहसों के बीच यूपी जैसा कानून ही राष्ट्रीय स्तर पर लाने की मांग भी उठ रही है।
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