जशपुर। तपकरा वन परिक्षेत्र में 50 से अधिक हाथियों ने डेरा जमा लिया है। इसमें ओडिशा से 20 हाथियों का एक बड़ा दल भी आ धमका है। धान की फसल को बचाने ग्रामीण सुबह से लेकर रात तक खदेड़ने की मशक्कत कर रहे हैं। इसको लेकर अब आसपास के ग्रामीणों के बीच विवाद की स्थिति बन रही है। हाथियों के खदेड़ने के लिए ग्रामीण बिना साइलेंसर वाले ट्रैक्टर और पत्थर का प्रयोग कर रहें हैं। इससे हाथी भड़क कर ग्रामीणों पर हमला कर रहे हैं। गंभीर हादसे की आशंका भी बनी हुई है।
ओडिशा और झारखंड की सीमा पर स्थित जिले का तपकरा वन परिक्षेत्र हाथियों का स्थाई डेरा बन चुका है।
इन दोनों ही राज्यों में तेजी से विकसित हो रहे खनन उद्योग की वजह से बेघर हुए इन हाथियों को तपकरा क्षेत्र में मौजूद घने वन और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध पानी खूब भा रहा है। वन विभाग के मुताबिक ओडिशा से घुसपैठ किए 20 हाथियों के दल समेत 50 हाथी अलग-अलग इलाके में भटक रहे हैं। तपकरा वन परिक्षेत्र में 58 ग्राम पंचायत और 109 गांव हैं। इनमें से अधिकांश गांव हाथी की समस्या से जूझ रहे ह।