रायपुर। राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस स्थित IDBI बैंक में डिजिटल ठगी का मामला सामने आया है। ठग ने खुद काे स्टील कारोबारी बताकर बैंक में फोन किया। उसने अस्तपाल की इमरजेंसी बताई तो बैंक के स्टाफ ने उसके खाते में 23 लाख 31 हजार 955 रुपए ट्रांसफर कर दिए। यह इस तरह का पहला मामला है। बैंक मैनेजर राजेश प्रसाद ने पुलिस से जांच की मांग की है।
खास बात ये है कि ठग ने बैंक की इसी ब्रांच के खाताधारक स्टील कारोबारी के नाम से कॉल और ई-मेल किया था। IDBI बैंक के सेवा संचालक प्रबंधक रवि शेखर सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी सिविल लाइंस शाखा में मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड का अकाउंट है। इसे मंजू बैद, सोनल बैद, संयम बैद और श्रेयांश बैद ऑपरेट करते हैं। 2 जुलाई को उन्हें 9871364226 नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को संयम बैद बताया। उसने कहा कि एक मेडिकल एमरजेंसी में रुपयों की जरूरत है। रुपए अस्पताल में देने हैं। उसने कहा कि RTGS के जरिए पैसे दे दें। उसने स्टाफ को भरोसे में लेने के लिए एक डिमांड लेटर बैंक की शाखा में मेल भी किया। पत्र में किए गए संयम बैद के हस्ताक्षर को खाते में हस्ताक्षर के साथ मिलाकर उसके बताए अकाउंट्स में रुपए ट्रांसफर कर दिए गए।
फिर आया असली ग्राहक का फोन
रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद बैंक में मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संयम बैद ने उसी दिन कॉल किया। रुपए ट्रांसफर होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा कि मैंने कोई मेल नहीं भेजा। ना ही अस्पताल की इमरजेंसी जैसी कोई बात है। संयम बैद बैंक की सिविल लाइंस ब्रांच पहुंच गए। उन्होंने ठग के नंबर पर कॉल किया। हैरानी की बात थी कि असली संयम बैद को ठग ने अपना परिचय संयम बैद के रूप में ही दिया। उसने कहा कि वो बैंक आकर मुलाकात करेगा, मगर कोई नहीं पहुंचा।
ठग के पास पहुंची असली ग्राहक की पर्सनल डिटेल
इसके बाद ब्रांच आफिसर्स ने फौरन उन बैंकों से संपर्क किया जहां ठग के कहने पर रुपए भेजे गए थे। HDFC बैंक के खाते को लॉक करवाने में टीम कामयाब रही। इसमें लगभग 19 लाख 9000 रुपए थे। बाकी के खातों से ठग ने रुपए निकाल लिए, हालांकि बैंक ने उन खातों को सीज करवाकर उनकी जानकारी पुलिस को दी है। बैंक प्रबंधन ने ये बात कबूली है कि ठग के पास बैंक खाते के विवरण, ग्राहकों की पर्सनल डीटेल जैसे मेल आईडी और हस्ताक्षर की जानकारी है।