दुनिया में अब तक का इकलौता मामला सामने आया है, जिसमें एक ही महिला कोविड के दो वैरिएंट की चपेट में आ गई। पूरी दुनिया के लिए यह किसी चौंकाने वाले मामले से कम नहीं था। इस केस को लेकर चिकित्सा जगत के हाथ-पांव पहले ही फूल गए थे, फिर भी उपचार शुरू किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
बेल्जियम के आल्स्तो शहर के एक अस्पताल में पिछले दिनों एक महिला पहुंची। वह बार-बार संतुलन खोकर गिर रही थी। हालांकि उसकी सांस ठीक चल रही थी। ऑक्सीजन लेवल भी 94% से ज्यादा था, लेकिन जांच में वह एक नहीं बल्कि कोरोना के दो अलग वैरिएंट यानी दो अलग तरह के कोरोना से संक्रमित निकली।
कुछ घंटों बाद ही उसके फेफड़े तेजी से बेकार होने लगे और पांचवें दिन उसकी मौत हो गई। महिला कोरोना के अल्फा और बीटा वैरिएंट से संक्रमित थी। इन दोनों को WHO दिसंबर 2020 में “वैरिएंट ऑफ कन्सर्न” घोषित कर चुका है। दरअसल, यह दुनिया का पहला ऐसा मामला है जिसमें किसी को दो वैरिएंट से यानी डबल इंफेक्शन हुआ। साइंटिस्ट इसे कोरोना का एक नया प्रकार मान रहे हैं।
दुनिया को अलर्ट रहने की जरूरत
पिछले शनिवार को यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रो-बायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज में साइंटिस्ट्स ने इस अनोखे मामले पर चर्चा की। एक्सपर्ट्स का कहना था कि डबल इंफेक्शन को लेकर दुनिया को अलर्ट रहने की जरूरत है। भारत के लिए यह केस दो वजहों से बेहद खास है। पहली-हमारे देश में डेल्टा, डेल्टा प्लस, लैम्ब्डा और कप्पा जैसे वैरिएंट एक्टिव हैं और दूसरी- भारत वैरिएंट के प्रकार की जांच करने, यानी जीनोम सीक्वेंसिंग में काफी पिछड़ा हुआ है।
दो अलग-अलग लोगों से हुआ इंफेक्शन
यूरोपियन कांग्रेस ऑफ इंफेक्शियस डिजीज में इस मामले पर रिपोर्ट बनाने की अगुआई करने वाली डॉ. ऐनी वेंकीरबर्गेन का कहना है कि चूंकि अल्फा और बीटा वैरिएंट बेल्जियम में फैले हुए हैं, इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि महिला दो अलग-अलग लोगों से संक्रमित हुई होगी।