बिहार (Bihar News) के पश्चिमी चंपारण जिले (West Champaran) के लौरिया और रामनगर प्रखंड क्षेत्र में जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने से मरने वालों की संख्या अब तक 16 हो चुकी है. शुक्रवार को 6 और मरने वालों की पहचान की गई है. इस मामले में पुलिस ने कई जगह छापामारी की है और 5 आरोपियों को हिरासत में भी ले लिया है. मामले में पीड़ित मुमताज मियां के भाई भोला मियां के बयान पर दो नामजद समेत अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने इलाके के एक शराब व्यापारी को भी हिरासत में लिया है. बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा है कि अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दे दिए गए हैं.
Bihar | We have been told that around 8 people died mysteriously at a village (in West Champaran) in the past 2-3 days. Their family members & villagers have not mentioned alcohol consumption. FIR has been lodged and the probe is underway: DM Kundan Kumar pic.twitter.com/DbsRIlLujp
— ANI (@ANI) July 16, 2021
लौरिया के प्रभारी थानाध्यक्ष केपी यादव के मुताबिक देउरवा के ठग साह और सुरेश साह समेत 3 और लोगों को भी हिरासत में ले लिया गया है. इसके अलावा ठग साह के बेटे सुमित को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. माना जा रहा है कि इन लोगों ने ही मरने वाले लोगों को ये जहरीली शराब बेची थी. मरने वालों में देउरवा के बिकाउ अंसारी, रामवृक्ष पासी, लतीफ शाह, भगवान पांडा, बसवरिया के अमीरूल शाह, गवनाहा के इजहारूल अंसारी, झुन्ना अंसारी, बगही के रातुल मियां, डुमरा देवराज के जुल्फान मियां, पांडापट्टी के अरुण पांडा उर्फ भगवान, जोगिया के सुरेश तुरहा, नईम मियां, वशिष्ठ ड्राइवर, हीरा डोम शामिल हैं. इन सभी लोगों की मौत शराब पीने के बाद तबीयत बिगड़ने के चलते हुई है. डीएम कुंदन कुमार समेत अधिकारियों ने उन डॉक्टर्स ने भी बात की है जिन्होंने इनका इलाज किया था.
जहरीली शराब के शिकार अन्य लोगों को भी ढूंढ रहे
पश्चिमी चंपारण के डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि देउरवा, जोगिया, बगही और सबेया में 16 लोगों की मौत हुई है. एक निजी अस्पताल में भर्ती जहरीली शराब के शिकार हुए मुमताज के भाई बयान पर को आधार बनाकर संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. जिला प्रशासन की ओर से मेडिकल, डॉग स्क्वॉयड टीम, उत्पाद समेत अन्य अधिकारी को जांच व छापेमारी में लगाया है. उधर इलाके के डीडीसी ने बताया कि गांव में मेडिकल टीम की तैनाती की गई है. टीम अन्य लोगों की जांच कर रही है, ताकि किसी में भी कोई लक्षण दिखे तो उसका इलाज किया जा सके.