सुकमा। बस्तर संभाग में माओवादियों की संदिग्ध गतिविधियों का कोई ओर-छोर नहीं है। कभी ग्रामीणों को अगवा कर उसकी हत्या कर दी जाती है, कभी मुखबिरी का आरोप लगाकर घर घुसकर मौत के घाट उतार दिया जाता है, तो कभी कई दिनों के लिए ग्रामीणों को गायब कर दिया जाता है।
ताजा मामला सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके से सामने आ रहा है, जहां सात ग्रामीणों के लापता होने की खबर है। एक नजरिए से इसे अपहरण का मामला बताया जा रहा है। आरोप लग रहा है कि माओवादियों ने सात ग्रामीणों को अगवा कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि ग्रामीण खुद से माओवादियों के पास रूक गए हैं।
दोनों ही बातें परस्पर विरोधी हैं, लेकिन इन दोनों ही बातों को लेकर पुलिस की उलझन बढ़ गई है। यदि अपहरण हुआ है, तो अप्रिय स्थिति बनने की आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरी तरफ यदि ग्रामीण खुद से रूके हैं, तो भी सामाजिक दृष्टिकोण से पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है।
आईजी ने कही यह बात
इस मामले को लेकर आईजी बस्तर सुंदरराज पी का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि “पारिवारिक समारोह में शामिल होने कुछ युवक गए थे, ये स्थानीय ही थे. इन्हें लेकर खबरें हैं कि माओवादियों ने इन्हें रोक लिया है, कई बार माओवादी संदेह के आधार पर ग्रामीणों को रोकते और पूछताछ करते हैं.. हमें उम्मीद है जल्द ही ग्रामीण वापस आ जाएँगे”